भागीरथी में पर्यावरणीय प्रवाह की आवश्यकता

योजना आयोग के सदस्य के अनुसार

भागीरथी के नैसर्गिक प्रवाह को बनाये रखने के लिए अखिल भारत हिन्दू महा सभा भवन में आज डा. जी डी अग्रवाल का आमरण अनशन ग्यारहवें दिन भी जारी। डा. अग्रवाल से मिलने वालों में श्री अरविन्द केजरीवाल मैग्ससे पुरूस्कार विजेता, एम सी मेहता अधिवक्ता एवं गोल्ड मैन अवार्डी, श्री अशोक शर्मा अधिवक्ता एवं पूर्व राज्य मंत्री जम्मू- काश्मीर, डा वी सेन गुप्ता पूर्व सदस्य सचिव केन्द्रीय प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड।

सूत्रों के अनुसार पिछले साल योजना आयोग के एक सदस्य ने भागीरथी नदी घाटी का दौरा किया और दौरे की रिर्पोट माननीय प्रधानमंत्री जी को सौंपी जिसमें उन्होंने लिखा कि मनेरी भाली द्वितीय चरण के बैराज से पूरा पानी सुरंग में डाल दिया गया है जिसके कारण उत्तरकाशी से धरासु के बीच लगभग 29 किमी. नदी जल विहीन थी। उन्होने अपनी रिर्पोट में यह सुझाया कि नदी के पारिस्थतिकीय सन्तुलन को बनाये रखने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह बनाये रखने की नितान्त आवश्यकता है। उपर्युक्त साक्ष्य डा जी डी अग्रवाल की आख्या की पुष्टि करते हैं तथा यही निरीक्षण उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति के कुछ सदस्यों का भी है कि नदी को जीवित रखनें के लिए पर्याप्त पर्यावरणीय प्रवाह की आवश्यकता है।

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