उत्तरकाशी: राष्ट्रीय प्राधिकरण (एनजीटी) और सड़क परिवहन मंत्रालय के तमाम आदेशों के बाद भी गंगा की स्वच्छता व अविरलता पर ऑलवेदर की कार्यदायी संस्थाएँ पलीता लगा रही हैं। हाइवे के चौड़ीकरण का मलबा सीधे भागीरथी नदी में डाला जा रहा है, जिसने उत्तरकाशी में बडेथी के पास करीब 200 मीटर हिस्से में भागीरथी की जलधारा को भी एक किनारे डाल दिया है। इससे नदी के साथ-साथ जलीय जीवों को भी खासा नुकसान पहुँचा है।
उत्तरकाशी की बडेथी चुंगी के पास ऑलवेदर रोड का कार्य नेशनल हाइवे इन्फ्रॉस्टक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की देख-रेख में चल रहा है। इससे वाहनों की आवाजाही भी मनेरा बाइपास से हो रही है। लेकिन, सड़क चौड़ीकरण का अधिकांश मलबा पत्थर सीधे भागीरथी में उड़ेला जा रहा है। इतना ही नहीं कार्यदायी संस्था ने भागीरथी नदी के मूल बहाव को भी बदल डाला। उसने नदी के किनारे 200 मीटर लम्बे हिस्से में एक नहर बनाई और नदी का पूरा पानी उस नहर में प्रवाहित कर दिया। इससे जलीय जीवों को भी नुकसान पहुँचा है।
गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट का कहना है कि गंगा के मायके में ही गंगा (भागीरथी) के साथ मनमर्जी का सलूक किया जा रहा है। कोई गंगा में कूड़ा उड़ेल रहा है तो कोई मलबा सरकारी तंत्र भी गंगा के साथ हो रहे अमानवीय कृत्य पर खामोशी ओढ़े हुए है। कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार गंगा स्वच्छता के लिये कई योजनाएँ चला रही है, लेकिन जिम्मेदार ही गंगा की स्वच्छता और अविरलता पर पलीता लगा रहे है।
एनजीटी ने हाल ही में भागीरथी में मलबा डालने के मामले में जुर्माना लगाया था, लेकिन इसका भी कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। अपर जिलाधिकारी, उत्तरकाशी हेमंत वर्मा का कहना है कि बडेथी के पास भागीरथी में मलबा डालने और नदी का बहाव बदलने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस सम्बन्ध में तहसीलदार भटवाड़ी को जाँच के निर्देश दिए गए हैं।
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