बिड़रै जोत पुराने बिया।
ताकी खेती छिया-बिया।।
भावार्थ- जिस खेत की जुताई घनी न हुई हो और बीज पुराना डाला गया हो, वह खेती नष्ट-भ्रष्ट हो जाएगी अर्थात् उसमें कुछ भी पैदा नहीं होगा।
Path Alias
/articles/baidaraai-jaota-pauraanae-baiyaa
/articles/baidaraai-jaota-pauraanae-baiyaa