बेस्या बिटिया नील है, बन साँवा पुत जान।
वो आई सब घर भरै, दरब लुटावन आन।।
शब्दार्थ- दरब-द्रव्य, धन।
भावार्थ- नील वेश्या की कन्या है और कपास तथा साँवा उसके पुत्र हैं। पुत्री हुई तो उसके घर में धन भर जाता है और पुत्र आया तो वह सारे द्रव्यों को लुटा देता है। तात्पर्य है कि नील की फसल बोने से खेत कि उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है, जब कि कपास और साँवा बोने से उसमें कमी आ जाती है।
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