घर से निकलने वाला गंदा पानी, जो कि सीवर में चला जाता है, वह बेकार नहीं होता। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने बताया कि घर से निकलने वाले बेकार पानी से अधिक ऊर्जा बनाई जा सकती है। प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ एस. हेड्रिक ने बताया कि यह पहले भी बताया जा चुका है कि घर के बेकार पानी की मदद से ऊर्जा बनाई जा सकती है, लेकिन उनके शोध में यह और बेहतर साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि बेकार पानी से पहले की जानकारी से 20 फीसदी अधिक ऊर्जा बनाई जा सकती है।
प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ एस. हेड्रिक
प्रमुख शोधकर्ता हेड्रिक ने बताया कि मिथेन, हाइड्रोजन और अन्य प्रकार के ईंधन की भी भूमिका होती है। अभी तक ये अनजान स्रोत थे। हेड्रिक और उनके सहयोगियों की यह रिपोर्ट एसीएस जर्नल इंवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुई है। हेड्रिक ने बताया कि सीवर के पानी का सबसे अधिक प्रयोग अमेरिका में किया जाता है। इसकी मदद से देश की कुल बिजली मांग की 1.5 फीसदी आपूर्ति सीवर के पानी से ही पूरी की जाती है। अमेरिका में प्रतिवर्ष 12.5 ट्रिलियन गैलन बेकार पानी का प्रयोग कर ऊर्जा बनाई जाती है।
कार्बनिक अणुओं को ईंधन में भी तब्दील किया जा सकता है
हेड्रिक ने बताया कि शोध में यह पता चला है कि बेकार पानी के कार्बनिक अणुओं को ईंधन में भी तब्दील किया जा सकता है, जिसकी मदद से यह हमें कई क्षेत्रों में मदद कर सकता है। उन्होंने बताया कि शोध में यह पता चला है कि घर से निकलने वाले बेकारी पानी से ऊर्जा बनाने की इतनी क्षमता होती है कि एक गैलन पानी से पांच मिनट तक 100 वाट का बल्ब जलाया जा सकता है। यह पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण शोध है और यह पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहतर है।
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