बड़े पेड़ काटकर पौधे लगाने की कवायद

विश्व पर्यावरण दिवस, 05 जून 2016 पर विशेष


पटना की हवा के खतरनाक ढंग से प्रदूषित होने की चेतावनी राज्य प्रदूषण बोर्ड ने बीती दिवाली के फौरन बाद दिया था। दिवाली के अगले 15 दिनों तक पटना की हवा की अवस्था का विश्लेषण किया गया तो प्रदूषण बोर्ड के होश उड़ गए। दोबारा एक दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक विश्लेषण किया गया। दिवाली के बाद से नवम्बर के अन्त तक हवा में धूलकण की मात्रा 400 माइक्रोन प्रति घनमीटर से नीचे नहीं उतरा। जबकि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने धूलकण की मात्रा 100 माइक्रोन प्रति घन मीटर रखा है। पटना की सेहत खराब है। हवा में जहरीले कणों की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। शोर का स्तर असहनीय है। ठोस कचरे को निपटाने की कोई व्यवस्था नहीं है। गन्दे पानी के परिशोधन की व्यवस्था दिखती भर है, काम नहीं करती। पेयजल आपूर्ति की सरकारी व्यवस्था अपर्याप्त है और जर्जर पाइपलाइनों की वजह से पेयजल में मलजल का मिल जाने की घटनाएँ अक्सर सामने आती है। महानगर की सेहत सुधारने की घोषणाएँ होती रहती हैं, पर काम संकट बढ़ाने वाले होते हैं।

विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में छठा पटना के हृदय को हरा-भरा बनाने की कोशिश में बिहार सरकार ने तय किया है कि पटना में एक उद्यान प्रमंडल बनाया जाये। उस प्रमंडल का एकमात्र काम पटना व दूसरे शहरों की हरियाली को बढ़ाना और शहर के हृदय माने जाने वाले पार्कों की देखभाल करना होगा। लेकिन दूसरी ओर सड़क चौड़ीकरण और दूसरे कारणों से पुराने और परिपक्व पेड़ों को काटने का ध्वंस यज्ञ चल रहा है।

पार्कों और सड़कों के किनारे नए पौधे लगे भी तो वे इन पुराने पेड़ों की तुलना में कम कार्बन डाइऑक्साइड सोख सकेंगे। अर्थात हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने वाली नहीं है। धूल और पेट्रोलियम पदार्थों के कणों (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा घटाने की कोई कोशिश नजर नहीं आती।

पटना की हवा में मिले धूल व दूसरे जहरीले कणों की मात्रा, पीएम का स्तर 621.5 माइक्रोन्स प्रति घन मीटर है जो सहनीय स्तर 40 माइक्रोन्स से कई गुना अधिक है। असल में पटना की हवा में 10 प्रकार के पार्टिकुलेट मैटर 2014-15 में 214 माइक्रोन्स प्रति घनमीटर आँका गया था। तब से इसकी मात्रा लगातार और बहुत तेजी से बढ़ती गई है। जाड़े में तापमान घटने पर वायु प्रदूषण का स्तर अधिक सघन और अधिक हो जाता है।

पटना की हवा के खतरनाक ढंग से प्रदूषित होने की चेतावनी राज्य प्रदूषण बोर्ड ने बीती दिवाली के फौरन बाद दिया था। दिवाली के अगले 15 दिनों तक पटना की हवा की अवस्था का विश्लेषण किया गया तो प्रदूषण बोर्ड के होश उड़ गए। दोबारा एक दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक विश्लेषण किया गया। दिवाली के बाद से नवम्बर के अन्त तक हवा में धूलकण की मात्रा 400 माइक्रोन प्रति घनमीटर से नीचे नहीं उतरा। जबकि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने धूलकण की मात्रा 100 माइक्रोन प्रति घन मीटर रखा है।

धूलकणों में जहरीले रसायन अर्थात सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड मिले होते हैं। तारामंडल के पास ऑटोमेटिक एयर मानिटरिंग स्टेशन ने हर 15 मिनट पर वायु प्रदूषण को लेकर जो रिपोर्ट दी, उसके आधार पर ही प्रदूषण बोर्ड ने विश्लेषण किया। चिन्ताजनक यह भी है कि इस बार दिवाली की रात 10 बजे से 11 बजे तक धूलकण की मात्रा मानक से करीब 17 गुना अधिक रही। एक घंटे के लिये अधिकतम 1688 माइक्रोन प्रति घनमीटर पीएम वायु में तैरते रहे।

प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के इस स्तर पर होने का बड़ी आबादी के स्वास्थ्य पर बहुत बूरा असर होगा। वायु प्रदूषण सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का 400 से ऊपर रहना चिन्ताजनक है। वायु प्रदूषण सूचकांक (एक्यूआई) की गणना ‘श्वसन योग्य ठोस धूल कणों की मात्रा’ के आधार पर की जाती है।

ऐसे धूल कण साँस होकर आदमी के शरीर के भीतर जाते हैं। इन धूलकणों में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड शामिल हैं। हवा धीरे-धीरे पीएम 2.5 माइक्रोन से प्रदूषित होने लगी है। बोर्ड की सलाह पर पन्द्रह साल से अधिक चले डीजल वाहनों को पटना की सड़कों से हटाने का आदेश दिया गया है।

हवा में धूल की अधिक मात्रा से साँस की जटिल बीमारी-क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव लंग डीजीज हो सकती है। लेकिन उसमें अगर पीएम 2.5 माइक्रोन हो तो सीधे मौत हो सकती है। पहले यह बीमारी धूम्रपान करने वालों को पकड़ती थी। पर बाद में ऐसे लोग प्रभावित होने लगे जो आधिक धूल भरे माहौल में रहते है। साँस लेने में कठिनाई होती है। दमा जैसी हालत हो जाती है।

साँस लेने में कठिनाई की वजह से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. बसन्त सिंह के अनुसार हवा में धूलकणों (आरएसपीएम) की मात्रा अधिक रहने पर कार्डियों वैकुलर प्रोबलम्स हो सकते हैं। हृदय गति का असामान्य ढंग से तेज होना आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अगर फौरन इलाज शुरू नहीं हो पाता तो जल्दी ही हालत हाथ से बाहर निकल जाती है। इसका सर्वाधिक असर दमा, एन्फलूएंजा, फेफड़ा या हृदय रोगियों और बच्चों व बुढ़ों पर होता है।

पीएमसीएच के चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शंकर सिंह के अनुसार वायु प्रदूषण से साँस की नली में संक्रमण का खतरा रहता है। कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड साँस की नली को प्रभावित कर देता है। धुआँ से सीओपीडी भी हो सकता है। इसलिये डॉक्टर घर से निकलते हुए मास्क पहनने की सलाह देते हैं। धुआँ से सीओपीडी भी हो सकता है।

यदि सीने में तकलीफ हो तत्काल जाँच कराएँ। अनियोजित निर्माण कार्यों, सडकों की खुदाई और बालू आदि वस्तुओं को ढँके बगैर ढोना आदि भी हवा में धूलकण बढ़ने के कारण हैं। लेकिन सबसे अधिक प्रदूषण वाहनों से निकले धुएँ की वजह से होता है। सड़कें संकरी होने के कारण वाहनों की रफ्तार कम होती है। सड़कों पर वाहनों का भारी दबाव बना रहता है।

एक आँकड़े के अनुसार शहर के 16 किलोमीटर के दायरे में 16 हजार 993 व्यावसायिक ऑटो और 421 बसें प्रतिदिन चलती हैं। निजी वाहनों की संख्या भी बेतहाशा गति से बढ़ी है। उनका दबाव सड़कों पर अधिक होता है। सड़कों पर बेतरतीब ढंग से चलते और पार्क हुए वाहनों की वजह से सड़कों पर आवाजाही की गति कम हो जाती है।

वाहनों की गति धीमी होने के कारण धुआँ और धूलकण वायु में आसानी से घूलते रहते हैं। सड़कों की सफाई नहीं होने से धूल की परतें जमी रहती हैं, वाहनों की आवाजाही से उड़कर हवा में मिलकर लोगों को बीमार करती हैं। इसके अलावा शहर तक निकलने वाला करीब 1200 टन ठोस कचरा सड़क किनारे पड़ा रहता है या फिर उसे खुले में जलाया जाता है। वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण वह भी है।

अब वन एवं पर्यावरण विभाग ने उद्यान प्रमण्डल का प्रस्ताव तैयार किया है। उसे शहरी क्षेत्र के सभी पार्कों के रखरखाव, प्रबन्धन एवं विकास का जिम्मा दिया जाएगा। इसके प्रभारी वन विभाग के डीएफओ स्तर के अधिकारी होंगे। साथ ही तीन वन क्षेत्र पदाधिकारी, नौ वनपाल, 27 वनरक्षी एवं लिपिक, लेखापाल, कम्प्यूटर संचालक, चालक, आदेशपाल आदि की तैनाती इसमें होगी। प्रदूषण से लड़ने की यह नई कवायद है।

इस प्रमंडल के अन्तर्गत नए पार्कों का विकास किया जाएगा। सड़कों के किनारे पेड़ लगाए जाएँगे और पहले से मौजूद पेड़ों की देखभाल की जाएगी। राजधानी के अलग-अलग मुहल्लों में बने पार्कों की देखरेख एक कार्यालय से होने लगेगा। सड़क किनारे हरित पट्टी और घास के मैदान का विकास व सुन्दरीकरण किया जाएगा। पटना में अभी 70 पार्क मौजूद हैं, पर उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।

देखरेख के अभाव में कई पार्क बेकार पड़ी ऐसी जमीन का शक्ल ले चुके हैं जिनका इस्तेमाल स्थानीय लोग कूड़ा कचरा फेंकने में करते हैं। शहरी क्षेत्र के पार्कों की मिल्कियत भी स्पष्ट नहीं है। कुछ पार्क तो उन सहकारी समितियों की मिल्कियत हैं जिसने कालोनी बसाई। कुछ पर नगरनिगम का दावा है। वैसे पटना वन प्रमंडल के पास इतने संसाधन नहीं कि वह पार्कों की मिल्कियत पर दावा करें और उसके रखरखाव पर ध्यान दे।

Tags
Paryavaran Diwas in Hindi Language, Visva Paryavaran divas kab manaya jata hai in Hindi, World Environment Day (Vishva Paryavaran Diwas) In India in hindi Language, Vishva Paryavaran divas par visheshlekh Hindi me, paryavaran essay in hindi, paryavaran diwas date in Hindi Language, paryavaran diwas in hindi, paryavaran diwas nibandh in Hindi, Essay on paryavaran diwas 2014, vishwa paryavaran diwas 2014, Vishwa paryavaran diwas par nibandh in Hindi, Vishwa paryavaran diwas 2014 in Hindi, Vishwa paryavaran diwas in Hindi, Vishwa paryavaran diwas in Hindi, Article on vishwa paryavaran divas in Hindi, vishva paryavaran diwas in hindi, 05 jun paryavaran diwas 2016 in hindi, 05 jun paryavaran divas 2016 in hindi, jagriti paryavaran diwas in hindi, jagriti paryavaran divas in hindi, vishwa paryavaran divas in hindi, 5 june paryavaran divas in hindi, paryavaran day date in hindi, vishwa paryavaran divas 2016 in hindi, paryavaran divas wallpapers in hindi, vishwa paryavaran diwas in hindi, paryavaran diwas essay in hindi, vishwa paryavaran diwas par nibandh in hindi, world environment day slogans in hindi, world environment day essay in hindi, world environment day speech in hindi, world environment day quotes in hindi, world environment day history in hindi, world environment day activities in hindi, world environment day posters in hindi, world environment day 2016 theme in hindi, world environment day speech in hindi, world environment day 2016 speech in hindi, vishva paryavaran diwas speech in hindi, vishva paryavaran divas 2016 speech in hindi, world environment day speech for students in hindi, world environment day speech 2014 in hindi, world environment day speech for kids in hindi, world environment day speech 2014 theme in hindi, world environment day speech 2013 in hindi, world environment day speech in malayalam in hindi, world environment day essay in hindi, environmental speech in hindi, world environment day slogans posters, world environment day essay in hindi, world environment day 2016 slogan in hindi, world environment day 2016 theme world environment day slogans in english, world environment day slogans galleries in hindi, world environment day slogans in telugu, world environment day slogans 2013 in hindi, world environment day essay for kids in hindi, world environment day essay pdf in hindi, essay on world environment day wikipedia in hindi, world environment day essay in malayalam, essay on world environment day in hindi text , essay on world environment day in hindi language, enviorment day in hindi, paryavaran diwas in hindi, environment day in hindi wikipedia, lecture on environment in hindi, enviorment day in hindi, paryavaran diwas in hindi, paryavaran divas in hindi, essay on world environment day in hindi text in hindi, essay on world environment day for kids in hindi, essay on world environment day in english, essay on world environment day in hindi language, speech on world environment day in hindi, essay on world environment day in hindi text, slogan on world environment day in hindi, earth day in hindi language, world environment day history in hindi, theme for world environment day 2016 in hindi, world environment day 2015 slogan in hindi, vishwa paryavaran divas in hindi, 5 june paryavaran divas in hindi, paryavaran day date in hindi, vishwa paryavaran divas 2015 in hindi, paryavaran divas wallpapers in hindi, vishwa paryavaran diwas in hindi, paryavaran diwas essay in hindi, vishwa paryavaran diwas par nibandh, vishwa paryavaran divas in hindi, vishwa paryavaran divas 2015 in hindi, paryavaran divas wallpapers in hindi, vishwa paryavaran diwas in hindi, paryavaran diwas essay in hindi, paryavaran in hindi slogan, save trees slogans in hindi language.

Path Alias

/articles/badae-paeda-kaatakara-paaudhae-lagaanae-kai-kavaayada

Post By: RuralWater
×