बायू में जब वायु समाय।
कहैं घाघ जल कहाँ समाय।।
भावार्थ- यदि एक ही साथ आमने-सामने की दो दिशाओं की हवा चले तो घाघ कहते है कि वर्षा इतनी अधिक होगी कि पृथ्वी पर जल-ही-जल दिखेगा।
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