बैल मुसरहा जो कोई ले। राजभंग पल में कर दे।।
त्रिया बाल सब कुछ छुट जाय। भीख माँगि के घर खाय।।
भावार्थ- जिस किसान के पास मुसरहा बैल (जिसकी पूँछ के बीच में दूसरे रंग के बालों का गुच्छा) हो, उसके ठाठ-बाट जल्द ही नष्ट हो जाते हैं, स्त्री-पुत्र सब छूट जाते हैं और वह घर-घर भीख माँगने लगता है।
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