बाढ़ ने जीना किया मुहाल


उफनती गंगा नदीबारिश की हर बूँद बाढ़ को और भयावह बना रही है। इस समय उत्तर और मध्य भारत की अधिकांश नदियाँ उफनाई हुई हैं। लाल निशान के पार बह रही हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखण्ड के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। इन राज्यों में हजारों लोग घर छोड़ चुके हैं। जान-माल का नुकसान चिंतित कर देने वाला है। सेना, एनडीआरएफ और राज्य बचाव दल की टीमें मुस्तैदी से जुटी हैं।

बिहार सर्वाधिक प्रभावित


- 1900 गाँवों के 30 लाख लोग बाढ़ प्रभावित।
- पटना, भागलपुर, वैशाली, बक्सर, भोजपुर, सोनपुर, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लक्खीसराय, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, मुजफ्फरपुर और कटिहार के हालात बदतर
- 127 लोगों की मौत हुई, 18 लापता। तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।
- 262 बाढ़ राहत शिविरों में करीब 1.15 लाख लोग रह रहे हैं।
- राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमें तैनात।
- गंगा, सोन, पुनपुन, बूढ़ी गंडक, घाघरा, महानंदा और कोसी नदियाँ उफान पर हैं। भागलपुर में तो गंगा रिकॉर्ड 34.67 मीटर के स्तर पर हैं।

उत्तर प्रदेश


उत्तर प्रदेश में बाढ़- गंगा-यमुना और सहायक नदियाँ उफान पर।
- 28 जिलों के 987 गाँवों के करीब 8.70 लाख लोग प्रभावित।
- वाराणसी, इलाहाबाद, गाजीपुर, बलिया, बांदा, जालौन सर्वाधिक प्रभावित।
- 30 हजार से अधिक लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं।
- एनडीआरएफ की 19 टीमें राहत कार्यों में जुटी।
- 43 लोगों की हुई है मौत।
- 14 स्थानों पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर। बलिया में गंगा का रिकॉर्ड स्तर 60.39 मीटर है। 2003 में यह 60.25 मीटर था।
- इलाहाबाद में गंगा का स्तर 85.33 मीटर है, जो खतरे के निशान से 0.6 मीटर अधिक है।
- वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.56 मीटर है, जो खतरे के निशान से 1.3 मीटर अधिक है। 1978 में यह 73.90 मीटर था।

मध्य प्रदेश


- कटनी, रीवा, छतरपुर, रायसेन, सागर और सतना जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित।
- 80 हजार लोग प्रभावित, 40 हजार मकान जमींदोज। 70 लोगों की मौत हुई और सात लोग लापता।
- 20 हजार से अधिक लोग बाढ़ राहत शिविरों में

राजस्थान


राजस्थान में बाढ़- बरन, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ के इलाके सर्वाधिक प्रभावित
- आठ लोगों की हुई मौत
- 56 गाँव भारी बारिश से बने टापू

उत्तराखण्ड और सिक्किम


उत्तराखंड में बाढ़उत्तराखण्ड में पिछले दिनों पौड़ी में बादल फटने से सात लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सिक्किम में तिंगबंग और लिंगडांग गाँवों से 450 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

 

300

लोगों की हो चुकी मौत

60 लाख

से अधिक लोग प्रभावित

5 लाख

लोग राहत शिविरों में

20,000 करोड़ रुपये

पिछले साल बाढ़ से अर्थव्यवस्था को चपत

 


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