आयरन, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक मुक्त जल उपलब्ध करना चुनौती : नीतीश

Nitish Kumar
Nitish Kumar

पटना। मुख्यमन्त्री श्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमन्त्री सचिवालय संवाद में 210.75 करोड़ रूपये की 315 ग्रामीण पाइप जलापूर्ति एवं सौर्यचालित मिनी पाइप जलापूर्ति योजना का शिलान्यास/उद्घाटन करते हुए कहा कि हर इन्सान को स्वच्छ जल मिलना चाहिये। मुख्यमन्त्री ने कहा कि स्वच्छता एक व्यापक विषय है। स्वच्छ पेयजल इसका हिस्सा है। हर इन्सान को स्वच्छ जल मिलना चाहिये। आजादी के इतने दिनों के बाद भी हम अपने देश के नागरिकों को अभी तक स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करा पाये हैं, यह सोचनीय विषय है। उन्होंने कहा कि देश में कई जगहों पर पानी में आयरन, फ्लोराइड और आर्सेनिक की मात्रा अधिक रहती है।

बिहार में भी बहुत जगहों पर पानी में आयरन, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक की मात्रा अधिक है। सरकार का प्रयास है कि लोगों को आयरन, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक मुक्त पेयजल मिले। उन्होंने कहा कि 2010 में जब हमने विकास यात्रा के दौरान मुँगेर जिला के खैरा गाँव का दौरा किया था तो पूरा का पूरा गाँव फ्लोराइड से प्रभावित था। फ्लोराइड नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। आर्सेनिक चर्म रोग पैदा करता है। उन्होंने कहा कि खैरा में मई 2010 में फ्लोराइडमुक्त पेयजल आपूर्ति योजना को मन्जूरी दी गई थी। पानी की आपूर्ति खड़गपुर के डैम से होनी थी लेकिन वन विभाग का क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण क्रियान्वित नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि हमें अफसोस होता है कि योजनाओं की मन्जूरी दी जाती है, राशि आवंटित हो जाती है, पर समय पर योजना पूरी नहीं हो पाती और लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है। समय पर काम नहीं होने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में दोगुनी राशि व्यय होती है, जिससे नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कठिनाई होती है।

.मुख्यमन्त्री ने कहा कि बिहार सरकार लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के अलावे राज्य में चापाकल परियोजनाओं को लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी कई जगहों पर पानी आयरन, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक से प्रभावित है। इसे दूर करने की योजना लागू की गई है। उन्होंने कहा कि फ्लोराइड प्रभावित इलाके में चापाकल में एक एनेक्सर लगाया जाता है। निश्चित क्षमता तक वह पानी को शुद्ध करता है। अगर उसमें क्षमता समाप्त हो चुका हो तो उसे बदल देना चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी योजनाओं का 5 वर्षों के लिए मेंटेनेंस के लिए कान्ट्रेक्ट दी जाये ताकि समय-समय पर इक्यूपमेंट बदला जा सके और लोगों को शुद्ध जल प्राप्त हो सके। मुख्यमन्त्री ने कहा कि विभाग द्वारा मिनी जलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद पाँच साल के लिये मरम्मति एवं सम्पोषण के लिये राशि का प्रावधान किया गया है, यह खुशी की बात है।

उन्होंने कहा कि किसी भी स्कीम का उद्घाटन तब तक नहीं कराया जाये, जब तक ठीक ढँग से यह कार्यरत न हो। लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो, इस सम्बन्ध में बिहार सरकार ने अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया है। उन्होंने कहा कि पहले लोग कुओं से जल निकालकर पीते थे, अब पाइप से जलापूर्ति होती है। जो काम पहले बड़े शहरों में होता था, अब वह गाँव-गाँव में हो रहा है। उन्होंने कहा कि पाइप जलापूर्ति योजना से बसावटो का आच्छादन 4 प्रतिशत है।

इसे बढ़ाकर 2016-17 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा बसावट आधारित योजना तैसार की गई है, इसके साथ ही साथ अब प्रत्येक घर में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु चापाकलों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि 20 लोगों पर एक हैण्डपम्प होना चाहिये। 2012-13 से मुख्यमन्त्री चापाकल योजना के अन्तर्गत पाँच वर्षों के लिये माननीय सदस्यों की अनुशंसा पर प्रत्येक वर्ष 55 हजार से अधिक चापाकलों के निर्माण कराये जाने का प्रावधान रखा गया है एवं तदनुसार विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

.मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य के छोटे बसावटें जिनकी आबादी एक हजार से पन्द्रह सौ तक रहती है, उनमें सौर ऊर्जा चालित मिनी पाइप जलापूर्ति योजना का प्रावधान किया जा रहा है। मिनी जलापूर्ति योजनायें मुख्य रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति, कमजोर वर्ग बाहुल्य बसावटों में प्राथमिकता के आधार पर ली गई है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा स्वच्छता पर आधारित लघु फिल्म नया सवेरा दिखाई गई है, इसमें पानी की बर्बादी हो रही है। हमलोगों का नारा है कि बूँद-बूँद पानी का इस्तेमाल कीजिये, पानी का दुरूपयोग न कीजिये। विजुअल का प्रभाव मानस पटल पर अंकित हो जाता है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच का लोग प्रयोग नहीं करे तो नब्बे प्रतिशत बीमारी से छुटकारा मिल जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान मनुष्य के विकास के लिये बहुत उपयोगी एवं आवश्यक है।

2005-06 में ही हमलोगों ने नारा दिया था कि पहले शौचालय तब दीवार। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से लोगों में बीमारी फैलती है। खुले में शौच करने वाले लोगों को अपने आदत में परिवर्तन करना होगा। सरकार को इलाज के प्रबन्ध के लिये जो खर्च करनी पड़ती है, उसमें कमी आती है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग में काॅल सेन्टर की तरह एक सेन्टर खुले, जिसका दूरभाष नम्बर पूरे बिहार में प्रचारित किया जाय। कोई गाँव या शहर में चापाकल खराब है या ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना में किसी तरह की तकनीकी खराबी है तो इसकी सूचना सेन्टर में लोग दे सके, इससे जलापूर्ति योजना में आयी खराबी को शीघ्र दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह टू वे ट्रैफिक के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र से ज्यादा शिकायत आएगी, इसका मतलब होगा कि उस क्षेत्र के पदाधिकारी एवं कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

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इससे विभाग के पदाधिकारी सतर्क रहेंगे तथा लोगों की समस्याओं का तत्क्षण निदान होगा। मुख्यमन्त्री ने कहा कि आजकल बोतल बन्द पानी का इतना प्रचार हो गया है कि गाँव के लोग भी समझने लगे हैं कि ये बाहर के लोग हैं, ये बोतल के ही पानी को पीते हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि 1977 के चुनाव में जब वे चुनाव प्रचार कर रहे थे तो एक गाँव में प्यास लगी, लोगों से पानी माँगा। लोग पानी दे ही नहीं रहे थे, जिद करने पर बताया कि हमलोग खद्दा का पानी पीते हैं। हमने कहा कि वही पानी दीजिये, हमने खद्दा का पानी पीया। उन्होंने कहा कि हर गाँव का पानी स्वच्छ हो और लोगों को पीने के लिये स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो। जो राजनेता चुनाव प्रचार के लिये गाँव जायें तो उसी पानी को पीयें, जो ग्रामीण पीते हैं। उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग को धन्यवाद दिया कि विभाग द्वारा बिजली पर आधारित मिनी जलापूर्ति योजना तथा सोलर ऊर्जा पर आधारित ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करवाया। सभी प्रारम्भ की गई योजना को एक महीने के अन्दर पूरा किया जाये।

इस अवसर पर मन्त्री लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण श्री दामोदर रावत ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मुख्यमन्त्री श्री नीतीश कुमार के द्वारा 315 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है, जिसकी लागत 210 करोड़ रूपये से अधिक है। मुख्यमन्त्री श्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश में विभाग कार्य कर रहा है। मुख्यमन्त्री का सपना है कि बिहार में प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो। सात लाख 70 हजार से अधिक चापाकल चालू है। उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य है कि पूरे बिहार में गुणवत्तायुक्त जल प्राप्त हो। इस अवसर पर प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण श्री शिशिर कुमार सिन्हा ने मुख्यमन्त्री को प्रतीक चिह्न तथा अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया। प्रधान सचिव लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण श्री शिशिर कुमार सिन्हा ने स्वागत भाषण किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव श्री उदय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती नीता चौधरी, मुख्यमन्त्री के सचिव श्री चंचल कुमार एवं मुख्य अभियन्ता श्री सी.बी. सिंह सहित सभी सम्बन्धित पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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