17 फरवरी, 2017 को पूर्वाह्न में दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से साइंस एक्सप्रेस- क्लाइमेट एक्शन स्पेशल' रेलगाड़ी ने अपने नौवें चरण की यात्रा शुरू की। इस अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल माधव दवे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री अजय नारायण झा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अपर सचिव डॉ. अमिता प्रसाद प्रमुख थे। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग, रेल मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विक्रम ए साराभाई कम्युनिटी साइंस सेंटर तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान के भी अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम की एक अनूठी विशेषता यह रही कि इसकी शुरूआत एक ऐसे प्रकृति के गीत से हुई जिसे नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर द विजुअली हैंडिकैप्ड, देहरादून के छात्रों के एक समूह ने गाया। मंच पर शोभायमान गणमान्य व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार भी व्यक्त किए जिनका एक समान उद्देश्य देश की जनता, विशेषकर विद्यार्थियों को जलवायु परिवर्तन के प्रति सजग बनाना था।
इस अवसर पर साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल के ब्रोशर और पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही, माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन तथा माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल माधव दवे ने फीता काटकर प्रदर्शनी का औपचारिक उदघाटन भी किया। साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल के रवानगी समारोह में अनेक अतिथिगण और प्रिंट, आडियो-विजुअल एवं ई-मीडिया के प्रतिनिधि भी भारी संख्या में मौजूद थे।
साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल को चलाना यह दर्शाता है कि भारत सरकार जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को प्रमुख वैश्विक खतरा मानती है। यह भारत सरकार द्वारा इस खतरे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का भी सबूत है। जैसा कि साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल में भी दिखाया गया है, जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक और ठोस प्रयास जरूरी हैं। संभवत: इसीलिए साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल के नाम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, रेल मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विक्रम ए साराभाई कम्युनिटी साइंस सेंटर तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान की संयुक्त पहल के रूप में चलाई गई यह रेलगाड़ी पहली बार त्रिपुरा और ब्रह्मपुत्र के उत्तरी छोर पर स्थित लखीमपुर भी जाएगी।
उद्देश्य यह है कि जिन छोटे-बड़े शहरों के स्टेशनों पर यह गाड़ी रुकेगी वहाँ की जनता, विशेषकर युवावर्ग तथा स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थी इस रेलगाड़ी पर लगी सूचनाप्रद प्रदर्शनियों को देख सकें और इन स्टेशनों पर की जाने वाली अनेक गतिविधियों में भी शामिल हो सकें। यह गाड़ी 17 फरवरी, 2017 से 8 सितम्बर, 2017 तक लगभग आठ माह की अवधि में भारत के 20 राज्यों में 19,000 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगी और इस दौरान इसका पड़ाव निम्नलिखित अड़सठ स्थानों पर रहेगा।
स्रोत:-हिंदी पर्यावरण पत्रिका,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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