प्रोफेसर जी डी अग्रवाल सह स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के आमरण अनशन के आज 30 दिन पूरे हो गये। वे शुक्रवार को 87 वर्ष के हो गए। उनका जन्मदिन ऋषिकेश स्थित एम्स में ही बीता।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने 12 जुलाई को स्वामी सानंद को इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स में दाखिल कराये जाने के साथ ही स्वास्थ्य सामान्य पाए जाने पर उन्हें मातृ सदन वापस भेजने का आदेश दिया था। लेकिन मिली जानकारी के अनुसार एम्स द्वारा स्वामी सानंद के स्वास्थ्य को सामान्य करार दिये जाने के बाद भी उन्हें प्रशासन द्वारा अस्पताल से मातृ सदन शिफ्ट नहीं कराया जा रहा है।
इधर, स्वामी सानंद की माँगों के समर्थन में दिल्ली में 25 जुलाई को धरना आयोजित करने की तैयारी है। इस धरने को देश के संत समाज, पर्यावरणविदों के साथ-साथ गंगा भक्तों का भी समर्थन मिल रहा है। दिल्ली के अतिरिक्त इस दिन हरिद्वार में भी धरना आयोजित किये जाने की योजना है। स्वामी सानंद के अनशन को पत्र के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों से लोग समर्थन दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की नव-नियुक्त महासचिव और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इनकी माँगों का समर्थन किया है। इसके अलावा आप ने भी स्वामी सानंद की माँगों का समर्थन करते हुए जारी संसद सत्र में राज्य सभा में इस मामले को उठाने की बात कही है।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह भी देश के विभिन्न हिस्सों में जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं। उन्होंने 23 जुलाई को शुरू होने वाले बिहार विधानसभा के सत्र के दौरान वहाँ सभा आयोजित करने की भी योजना बनाई है। हालाँकि केन्द्र सरकार की तरफ से इस सम्बन्ध में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
मालूम हो कि स्वामी सानंद उत्तराखण्ड की विभिन्न नदियों पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित जलविद्युत परियोजनाओं को तुरन्त बन्द करने, संसद में ‘गंगा एक्ट’ पास कराने और गंगा परिषद के गठन आदि की माँगों को लेकर 22 जून से आमरण अनशन पर हैं।
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