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Sanitation
‘खुले में शौच करने की प्रथा को ओडिशा खत्म कर सकता है ’
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMडाॅ. रूपक राय चैधरी
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संकल्प स्वच्छ भारत का
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMडॉ. बिन्देश्वर पाठक
अछूतों को मैला ढोने की कुप्रथा से निकालने के लिए न कोई भगवान् चाहिए, न कोई त्याग-तपस्या, सिर्फ एक फ्लश शौचालय चाहिए। -महात्मा गांधी
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दो गड्ढों वाले शौचालय सस्ते और व्यावहारिक हैं
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMआदिकाल में लोग शौचादि से स्वयं को मुक्त करने के लिए किसी भी स्थान का प्रयोग कर लेते थे, चाहे वह जंगल हो, मैदान हो या फिर बहती नदी की धार ही क्यों न हो।
आज इस युग में, पश्चिम के विकसित देश सीवर-व्यवस्था, सेप्टिक टैंक इत्यादि का प्रयोग कर अपशिष्ट-जल और मानव-मल का निपटान करते हैं।
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स्कूलों में शौचालय व पेयजल सुविधाओं का लिया जाएगा जायजा
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMनई दिल्ली, 10 जून 2014। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को शिक्षा अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में शौचालयों और पेयजल सुविधाओं का निरीक्षण करने को कहा है। शिक्षा विभाग के एक बयान के मुताबिक शिक्षा अधिकारी, दो प्राधानाध्यापक और पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियरों (सिविल और इलेक्ट्रिकल) 13 जून तक स्कूलों का दौरा करेंगे और एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
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स्कूल में साफ-सफाई कार्यशाला लगाएं तो बनेगी बात
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMसुश्री वैशाली चैहान
दो वर्ष पूर्व सुलभ स्कूल सेेनिटेशन क्लब के सदस्यों को असम-सरकार के माननीय जन-स्वास्थ्य-इंजिनियरिंग-सचिव श्री हेमेंद्र बोरा के नेतृत्व में असम के माननीय मुख्य मंत्री श्री तरुण गोगोई से खानपारा स्थित उनके निवास पर बातचीत का अवसर मिला।
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स्वस्थ भारत के लिए खुले में शौच का अभ्यास छोड़ना होगा
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PM![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/iwp/open%2520defecation%25201.jpg?itok=q5njNxzk)
मानव मल के गैस से पक रहा है खाना
Posted on 05 Dec, 2014 06:31 PMवाघेश्वर झा
पारंपरिक ढंग के चूल्हों का इस्तेमाल और साफ-सुथरे शौचालयों का अभाव ग्रामीण इलाकों की स्थिति को और खराब एवं असहनीय बना देता है। स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी स्वयंसेवी संस्थान सुलभ इंटरनेशनल कई वर्षों से सरकारी अधिकारियों से कहता रहा है कि सार्वजनिक शौचालयों पर आधारित बायोगैस प्लांट्स परंपरागत ऊर्जा के विश्वसनीयता स्रोत हैं।
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