The rising trend of abandoning open wells for borewells in Chikkaballapur and Annamayya districts, and the potential negative consequences of this shift.
बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है।
As cities such as Bangalore grapple with the water crisis, understanding the value of conserving groundwater to prevent this from happening in the future is urgently needed!
Posted on 21 Nov, 2015 11:39 AM पंचायत समिति, कामां (जिला भरतपुर) अर्द्धसंवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:37 AM पंचायत समिति, डीग (जिला भरतपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 20 Nov, 2015 04:16 PM पंचायत समिति, बयाना (जिला भरतपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 17 Nov, 2015 11:50 AM पंचायत समिति, सिणधरी (जिला बाड़मेर) संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:22 PM पंचायत समिति, चौहटन (जिला बाड़मेर) संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:19 PM पंचायत समिति, बालोतरा (जिला बाड़मेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:17 PM पंचायत समिति, बायतु (जिला बाड़मेर) अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:14 PM पंचायत समिति, सिवाना (जिला बाड़मेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:11 PM पंचायत समिति, शिव (जिला बाड़मेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 16 Nov, 2015 01:06 PM पंचायत समिति, धोरीमन्ना (जिला बाड़मेर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।