पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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क्या कोई समाधान है
Posted on 27 Apr, 2017 12:18 PM
सरकार अत्यंत पेचीदा तथा महँगी तकनीकियाँ अपना रही है, जबकि हमारे पास इसके सस्ते व कारगर विकल्प उपलब्ध हैं
पुस्तक परिचय : ‘अमृत बन गया विष’
Posted on 23 Apr, 2017 01:39 PM
यह भूजल की कहानी है: अमृत का विष में परिवर्तित होने की कहानी। जिसमें हैंडपम्प से निकले हुए पानी को पीने की आम दिनचर्या भी एक जानलेवा बीमारी का स्रोत बन जाता है। यह एक ‘प्राकृतिक’ दुर्घटना नहीं है - जहाँ भूगर्भ में उपस्थित प्राकृतिक संखिया (आर्सेनिक) और फ्लोराइड पीने के पानी में अपने आप आ गया हो। यह कहानी है जान-बूझकर किए गए विषाक्तीकरण का। जिसे रूप दिया है सरकार की गलत नीतियों, ट्यूबवेल की ब
अमृत बन गया विष
बाढ़ को विकराल हमने बनाया
Posted on 18 Apr, 2017 04:45 PM

गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों (आइएएस और आईपीएस) का प्रतिशत सबसे ज्यादा न सही, ल

पुस्तक परिचय : 'जल, जंगल और जमीन - उलट-पुलट पर्यावरण'
Posted on 18 Apr, 2017 04:42 PM
स्वतंत्र मिश्र की पुस्तक ‘जल, जंगल और जमीन : उलट पुलट पर्यावरण’ प्राकृतिक संसाधनों के अविवेकपूर्ण दोहन से उत्पन्न आपदाओं और खतरों को समझने और उसका विश्लेषण करने की एक गम्भीर कोशिश है। मनुष्य प्रकृति का अंश है, लेकिन पिछली एक-दो शताब्दी में मनुष्य ने खुद को प्रकृति का जेता समझ लिया। विकास के नाम पर प्रकृति के साथ एक प्रकार का युद्ध छेड़ दिया गया। जब प्रकृति का पलटवार शुरू हुआ तो पूरी धरती का
जल, जंगल और जमीन - उलट-पुलट पर्यावरण
बड़े बाँध निर्माताओं से कुछ सवाल
Posted on 18 Apr, 2017 04:40 PM

बड़े बाँध की योजना से बड़ी आबादी को बहुत लाभ मिलने की सम्भावनाएँ दर्शाई जाती हैं, परन्तु

स्थानीय विरोध झेलते विशेष आर्थिक क्षेत्र
Posted on 18 Apr, 2017 04:05 PM

सिंगुर और नंदीग्राम से लेकर महाराष्ट्र में रिलायंस द्वारा स्थापित सेज के मामलों में राज्य

पानी की पुरानी परम्परा ही दिलाएगी राहत
Posted on 18 Apr, 2017 01:15 PM

जल संकट में नवीन और प्राचीन की गुंजाईश नहीं होती है। प्रकृति पानी गिराने का तरीका अगर नही

संसाधनों का असन्तुलित दोहन - सोच का अकाल
Posted on 18 Apr, 2017 01:03 PM

भूजल का यह संकट मात्र उसकी निर्भरता से दोहन के कारण ही नहीं, बल्कि दुनिया में औद्योगिक इक

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