पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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मंगल ग्रह
Posted on 19 Jul, 2011 12:25 PM मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे 'लाल ग्रह' के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - 'स्थलीय ग्रह' जिनमें ज़मीन होती है और 'गैसीय ग्रह' जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्ता
पृथ्वी
Posted on 19 Jul, 2011 12:19 PM पृथ्वी सूर्य से तीसरा ग्रह है पृथ्वी सौर मंडल में व्यास द्रव्यमान और घनत्व में सबसे बड़ा स्थलीय ग्रह है यह पृथ्वी, पृथ्वी ग्रह संसार, और टेरा. के रूप में भी उल्लेख होता है
सूर्य
Posted on 19 Jul, 2011 12:14 PM सूर्य या सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्
सौरमण्डल एक नज़र में
Posted on 19 Jul, 2011 12:08 PM ब्रह्माण्ड में वैसे तो कई सौरमण्डल है, लेकिन हमारा सौरमण्डल / सौर परिवार ( Solar System ) सभी से अलग है, जिसका आकार एक तश्तरी जैसा है। हमारे सौरमण्डल में सूर्य और वे सभी खगोलीय पिंड जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
सहजन की चटनी-अचार से बीमारी होती है दूर
Posted on 19 Jul, 2011 11:51 AM चमत्कारी वृक्ष सहजन की चटनी और अचार कई बीमारियों से निजात दिला सकती है। उत्तरप्रदेश के रीजनल फूड रिसर्च एनालसिस सेंटर लखनऊ द्वारा सहजन की फली एवं पत्तियों पर किए गए नए शोध से पता चला है कि प्राकृतिक गुणों से भरपूर सहजन इतने औषधीय गुणों से भरपूर है कि उसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं।
सहजन में छिपा है त्‍वचा की खूबसूरती का राज
Posted on 19 Jul, 2011 11:47 AM त्वचा की कई समस्याओं का इलाज सहजन व गुलाब के फूलों में छिपा है। इनमें कई तरह के हारमोन्स और प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो त्वचा की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। सहजन व गुलाब के फूलों में मौजूद इन यौगिकों को सदियों से त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फूलों के निकले अर्क और तेलों को परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों में खास स्थान दिया गया है।
सहजन के बीजों का जल परिशोधन हेतु उपयोग
Posted on 19 Jul, 2011 11:42 AM मोरिंगा ओलीफ़ेरा जिसे सामान्य भाषा में सहजन कहा जाता है, एक वृक्ष है जो अफ्रीका, केंद्रीय तथा दक्षिणी अमेरिका, भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में उगाया जाता है। सहजन के बीजों में 30 से 50 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है जो बढ़िया खाद्य तेल भी है और उसका उपयोग बायोडीज़ल बनाने के लिए भी किया जाता है जिसमें NOX उत्सर्जन कम होते हैं और ईंधन में भी स्थायित्व होता है।

सहजन सूखे का सामना करने में सक्षम होने के साथ ही खाने तथा प्रकाश हेतु तेल और जमीन के लिए उर्वरक प्रदान करता है। इसकी फलियों, पत्तियां, फूल और बीज पौष्टिक भोजन प्रदान करते हैं। सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पेयजल के परिशोधन हेतु इसके बीजों का निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है।
जलविज्ञान
Posted on 18 Jul, 2011 10:24 AM जलविज्ञान (Hydrology) विज्ञान की वह शाखा है जो जल के उत्पादन, आदान-प्रदान, स्त्रोत, सरिता, विलीनता, वाष्पता, हिमपात, उतारचढ़ाव, प्रपात, बाँध, संभरण तथा मापन आदि से संबंधित है। जो जल वृष्टि द्वारा पृथ्वी पर गिरता है, वह प्रथम तो भूमि के प्राकृतिक गुरुत्व के कारण या तो भूमि के अंतस्तल में प्रविष्ट हो जाता है, या नाली और नालिकाओं द्वारा नदियों में जा गिरता है और वहाँ से पुन: सागरों में प्रवेश करता है
पानी की कहानी में विज्ञान
Posted on 18 Jul, 2011 10:13 AM धरती पर पाए जाने वाले पदार्थों में पानी सबसे साधारण है, लेकिन गुणों में असाधारण एवं विशिष्ट है। इसके इन्हीं गुणों के कारण जीवन न केवल इस धरती पर अस्तित्व में आया और विकसित हुआ। हम पानी के आश्चर्यजनक गुणों को प्राय: गंभीरता से नहीं लेते। वास्तव में यह एक उत्कृष्ट विलायक है और काफी अधिक तापमान तक द्रव्य अवस्था में बना रहता है। इसे गर्म करने तथा उबालने के लिए काफी ऊष्मा की जरूरत होती है।
बड़ी झील तमाशा नहीं है
Posted on 18 Jul, 2011 09:49 AM बड़ी झील तमाशा नहीं है
जिसे देखने हर रोज उमड़ते हैं लोग
झील बहुत अपनी है (अनन्य!)
जिस से लोग मिलने जाते हैं

झील से भेंट कर
लोगों को खुशी मिलती है
और बढ़ जाता है भीतर
आत्मीयता का जल

प्यास कहो
तो पानी से रिश्ता जुड़ जाता है
और दुनिया के हर कण्ठ की प्यास
अपनी हो जाती है

भोपाल कहो तो बड़ी झील से
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