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राँची। पलामू के चुकरू गाँव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से लोगों के विकलांग होेने के मामले को मुख्यमन्त्री रघुवर दास ने गम्भीरता से लिया है। मुख्यमन्त्री ने घोषणा की कि गढ़वा, लातेहार में लगाया जायेगे। उन्होंने इस पर शीघ्र काम शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा लोगों को हर कीमत पर शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए। वे सूचना भवन स्थित कांफ्रेंस हाॅल में आयोजित सीधी बात कार्यक्रम में स
भारत में फ्लोरोसिस का पता 1930 के दशक में चला और तब से तकरीबन एक सदी बीतने के बावजूद यह एक विकराल समस्या के रूप में हमारे सामने मौजूद है। 1970 के दशक तक इस मसले पर कुछ गम्भीर शोध किये गए, मगर उस वक्त से अब तक इस विषय को लेकर कोई ढंग का रचनात्मक शोध नहीं हुआ है। जबकि इस दौरान समस्या और जटिल होती चली गई, जिससे इस समस्या पर काम करने वालों के लिये इससे जुड़कर आगे बढ़ना ही मुश्किल हो गया।
इस रोग से लाखों लोगों के पीड़ित होने के बावजूद वैश्विक स्तर पर इसके निदान के लिये कोई कार्यक्रम तैयार नहीं हुआ है और कोई ऐसी संस्था नहीं है जिसके पास इस रोग से मुकाबले की विशेषज्ञता हो, कुछ छोटे संस्थानों को छोड़कर जो इस दिशा में शोध कर रहे हैं और अपने नतीजों के सहारे फ्लोरोसिस से मुकाबला कर रहे हैं।
पीने के पानी की जाँच में कुछ गाँवों में फ्लोराईडयुक्त पानी मिला था, वहाँ प्रशासन ने साफ़ पानी मुहैया करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की थी। करोड़ों रूपये खर्च कर योजना कागजों से उतारकर गाँवों में आ भी गई लेकिन जिन गाँवों के आदिवासियों को साफ़ पानी पिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी, उन्हें आज तक इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। गाँव के लोग अब भी दूर-दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर ह
मध्यप्रदेश के फ्लोराइडग्रस्त धार जिले के 78 गाँवों में पीने का साफ़ पानी पहुँचाने के लिए करीब 90 करोड़ रुपये खर्चकर एक महती योजना आकार ले चुकी है। यह अनूठी योजना प्रदेश में अपनी तरह की पहली है और इससे करीब 25 से 50 किमी दूर नर्मदा नदी से ग्रेविटी सिस्टम के जरिये इन गाँवों के करीब डेढ़ लाख लोगों को साफ़ पानी मिल सकेगा। कुछ गाँवों तक पानी पहुँच भी गया है वहीं इस साल के आखिर तक यह सभी 78 गाँवों तक पहु
भागलपुर। चौंकिये नहीं! यह भागलपुर प्रमण्डल का इकलौता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज अस्पताल है। यहाँ सिर्फ भागलपुर ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिले सहरसा, पूर्णिया, मधेपुरा के साथ पड़ोसी राज्य झारखंड के लोग भी इलाज के लिए आते हैं। यहाँ पानी के नाम पर जहर पी रहें हैं लोग।
केन्द्र ने किया तलब, कहा- बनाओ कार्ययोजना, पिलाओं साफ पानी