पारिस्थितिकी और पर्यावरण

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May 11, 2024 Deforestation, expansion of agricultural land, encroachment into forested areas, and unplanned urbanisation alter landscape connectivity, fragment habitats, and increase fire ignition sources.
Uttarakhand's wildfire wake-up call (Image: Pickpic)
May 8, 2024 What is the ecosystem based approach to water management? How can it help in solving the water woes of states in the Deccan Plateau?
An ecosystem based approach to water management (Image Source: India Water Portal)
April 1, 2024 Decoding the problems and solutions related to stubble burning
Burning of rice residues after harvest, to quickly prepare the land for wheat planting, around Sangrur, Punjab (Image: 2011CIAT/NeilPalmer; CC BY-SA 2.0 DEED)
February 14, 2024 आइये इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे कि क्यों आज बिहार के राजगीर नगर के गर्म कुण्ड का अस्तित्व संकट में है | In this blog know why today the existence of the hot springs of Rajgir city of Bihar is in trouble
गर्म पानी के कुंड
February 5, 2024 Navigating sustainable development in the wake of legal battles and environmental challenges
The heavy rains and landslides in 2023 have highlighted the city's inability to bear the burden of additional population (Image: Vincent Desjardins; CC BY 2.0 DEED)
November 5, 2023 Honeywell’s environmental sustainability index, a quarterly index reveals a growing number of organisations globally are boosting annual sustainability investments by at least 50%, and are optimistic about achieving short- and long-term objectives
Environmental Sustainability Index gauges movement in corporate sentiment and investment on the sustainability front. (Image: Needpix)
आपदाओं और आपदा प्रबंधन के उपाय | Disasters Management Measures in Hindi
आपदाओं और आपदा प्रबंधन के उपायों के बारे में जानें इस ब्लॉग में | Learn about disasters and disaster management measures in hindi. Posted on 28 Aug, 2017 04:41 PM

 

भूकम्प आपदा प्रबंधन
पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का महत्व क्या है? और भारत में पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जो प्रस्तावित परियोजनाओं, नीतियों या कार्यक्रमों को लागू करने से पहले उनके संभावित पर्यावरणीय परिणामों का मूल्यांकन करती है। इसका प्राथमिक उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर किसी परियोजना के संभावित प्रतिकूल प्रभावों की पहचान करना और उनका आकलन करना है, साथ ही इन प्रभावों को कम करने या कम करने के उपायों का प्रस्ताव करना है Posted on 15 May, 2024 03:53 PM

भारत में पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 27.01.1994 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत जारी की गई विभिन्न गतिविधियों के लिए एक अधिसूचना के माध्यम से अनिवार्य किया गया था। उक्त ईआईए अधिसूचना 1994 के कार्यान्वयन के दौरान, कई छोटी-छोटी कमियां देखी गई और इन लघु कमियों को समय-समय पर संशोधन करने के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया गया। ईआईए का उपयो

पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रक्रिया
संगरूर जिले के अलोराख गांव का पानी हुआ जहरीला, पंजाब के मुख्य सचिव को निर्देश, साफ पानी मुहैया कराएं
जानिए संगरूर जिले के अलोराख गांव का पानी आखिरकार क्यों हो रहा है जहरीला,इस पर एनजीटी ने क्या निर्णय लिया। Posted on 10 Apr, 2024 01:08 PM

संगरूर जिले के अलोराख गांव का पानी हुआ जहरीला, पंजाब के मुख्य सचिव को निर्देश, साफ पानी मुहैया कराएं,PC-wikipedia
स्वच्छ दून का सपना कैसे हो साकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का बंटाधार
जाने देहरादून के सभी 100 वार्ड में प्रतिदिन करीब साढ़े चार सौ टन कूड़ा उत्सर्जित होता है
Posted on 09 Apr, 2024 05:25 PM

स्वच्छ दून, सुंदर दून का स्लोगन तो वर्षों से सुनते आए आए हैं, लेकिन धरातल पर यह नारा साकार होता नजर नहीं आता। दून में सफाई गजा व्यवस्था बड़ी चुनौती बना हुआ है।हालांकि, जिम्मेदार कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने के दावे तो करते हैं, लेकिन कूड़ा शहर के लिए नासूर बन हुआ है। सड़कों, बाजारों में कूड़ा और गंदगी पसरना आम बात है। घर-घर कूड़ा उठान हो या डंपिंग जोन से प्लांट में कूड़े क

स्वच्छ दून का सपना कैसे हो साकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का बंटाधार
सियासी समर में नहीं सुनाई दे रही गंगा-यमुना की स्वच्छता की गूंज
जाने इस बार आम चुनाव में गंगा-यमुना की स्वच्छता लेकर केंद्र सरकार की क्या योजना हैं।


Posted on 09 Apr, 2024 03:34 PM

टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसकी पहचान जहां गंगा-यमुना के उद्गम स्थल के रूप में होती है, वहीं रूपीन, सुपीन, टोंस, कमल नदी, असी गंगा, इंद्रावती, बालगंगा व भिलंगना समेत तमाम छोटी नदियां भी यहीं से होकर बहती हैं। ये नदियां धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का भी आधार हैं। पेयजल, सिंचाई व ऊर्जा उत्पादन के साथ पर्यटन व तीर्थाटन की धुरी भी ये नदियां हैं, जिससे

सियासी समर में नहीं सुनाई दे रही गंगा-यमुना की स्वच्छता की गूंज
टिहरी डैम - अब तक
जानिए सुंदरलाल बहुगुणा के 74 दिनों के उपवास के बाद आखिर सरकार ने क्या निर्णय लिए Posted on 05 Apr, 2024 04:49 PM

मेरा, 74 दिनों का उपवास, जो मैंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव द्वारा मुझको दिये हुए वचन से मुकरने के विरोध में रखा था, श्री एच. डी.

टिहरी डैम,Pc-wikipedia
हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र
जानिए हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र में क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 05 Apr, 2024 01:02 PM

आक्रमण विकास नीति ने हिमालय में 'प्रकृति एवं मानव' दोनों के लिए जिन्दा रहने का संकट पैदा कर दिया है। इससे केवल इस क्षेत्र में रहने वाले ही त्रस्त नहीं हैं, बल्कि इससे भी दस गुने लोगों पर हिमालय की तबाही का विनाशकारी प्रभाव, बाढ़, भूक्षरण और सूखे के रूप में पड़ रहा है।

हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र
मेरा प्रार्थनामय उपवास : सुन्दरलाल बहुगुणा
जाने सुन्दरलाल बहुगुणा ने भूख हड़ताल महात्मा गांधी की जयंती पर ही क्यों की Posted on 05 Apr, 2024 11:32 AM

स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के शुभ दिन पर राष्ट्र और करोड़ों लोगों के जीवन को असुरक्षित बनाने, आर्थिक दृष्टि से दिवालिया, सामाजिक दृष्टि से विषमता और विघटन बढ़ाने, पर्यावरणीय तबाही लाने और हमारी संस्कृति और आस्थाओं को कुचलने वाले टिहरी बांध के मौजूदा स्वरूप को कायम रखने की हठधर्मी को उजागर करने के लिए मैंने उपवास करने का निश्चय किया है।

 सुन्दरलाल बहुगुणा,Pc-Wikipedia
निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार
जाने टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है Posted on 04 Apr, 2024 11:46 AM

टिहरी बाँध में जो समस्या है, उसके संबंध में सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कितने ही खतरे वहाँ पर बांध बनाने में हैं। पूरा उत्तर प्रदेश और यह क्षेत्र भी जल-प्लावन में इससे जा सकता है, यदि भूकंप और भूचाल आए। रशियन एक्सपर्टस ने इसकी एक रिपोर्ट भी दी थी, परन्तु उसके ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सुन्दर लाल बहुगुणा, देश में एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे कई दफे भूख हड़ताल पर बैठे।

निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार
पानी के बिना संकट में जिंदगानी
जानें भारत के शहर पानी की किल्लत से क्यों जूझ रहे है Posted on 03 Apr, 2024 02:16 PM

अच्छा कमा रहे हैं, करोड़ों की कीमत वाला फ्लैट है। खाते में हर महीने मोटी तनख्वाह आ रही है। घर का बाथरूम ऐसा है कि उसमें महंगे शावर और नल भी लगे हैं, मगर उन लग्जरी बाथरूम के हाल यह है कि नल सूखे पड़े हैं। फ्लश करने के लिए भी मुंबई के चाल की तरह बाल्टी भरकर पानी लाना पड रहा है। इनकम टैक्स के कागजों में मोटा टैक्स दे रहे हैं, लेकिन टैंकर के आगे पानी के लिए हाथ में बाल्टी लिए लाइन लगा रहे हैं। यह द

पानी के बिना संकट में जिंदगानी
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