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नदियां
नदियों की प्रदूषण मुक्ति का हो संकल्प
Posted on 04 Nov, 2010 09:34 AMहवा-पानी व खाद्य पदार्थों में घुल-मिल रहे प्रदूषण से हम ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिसंख्य देश जूझ रहे हैं।
दुनिया का सबसे शक्तिशाली अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है। मिसीसिपी अमेरिका की सबसे लंबी नदी है। 'गल्फ ऑफ मैक्सिको' व उसके आसपास के इलाके में आयल इंडस्ट्री, मेडिसिन व अन्य उद्योगों के खतरनाक रासायनिक उत्प्रवाह ने मिसीसिपी को जहरीला बना दिया है और इसके आसपास की बड़ी आबादी कैंसर जैसे घातक रोग की गिरफ्त में है। यही स्थिति अमेरिका की एक अन्य नदी कलोराडो की भी है। अमेरिका के सोसल सांइटिस्ट मानते हैं कि जल प्रदूषण को खत्म करने के लिए मौजूदा समय में किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं।
दम तोड़ती दुनिया की बड़ी नदियां
Posted on 03 Nov, 2010 10:12 AM
दुनिया के बहुत से बड़े शहर नदियों के किनारे ही आबाद है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि साफ और ताजा पानी जीवन के लिए सबसे जरूरी तत्वों में से एक है। लेकिन नदियों का यही गुण उनके विनाश का कारण बन रहा है।
जर्मनी को जानिए जल से, जहाज़ से
Posted on 03 Nov, 2010 09:49 AM
जर्मनी में यूं तो तेज़ रफ़्तार ट्रेनें और सस्ती एयरलाइंस भी हैं लेकिन नदी की धारा और उस पर हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ने वाले जहाज़ में बैठने का मज़ा सबसे निराला है। आपको इतिहास भी दिखेगा, तकनीक भी और संस्कृति भी।
आप जर्मनी को जानना चाहते हैं और आप पैदल चलकर अपने पांवों को दर्द में कांपते नहीं सह सकते। बसों और ट्रामों की यात्राओं से उकता गए हैं। साइकल से भी सवारी के पक्ष में कतई नहीं। तो चिंता किस बात की। आपके लिए एक विकल्प है, एक शाही विकल्प।
राइन नदी में आवाजाही
Posted on 03 Nov, 2010 09:34 AM
जर्मनी में यूं तो कई नदियां हैं पर छह नदियां प्रमुख हैं। इनमें राइन भी हैं। जिसे फादर राइन कहा जाता है। जर्मनी में नदियों पर बड़े बड़े जहाज़ भी चलते हैं, सैर सपाटे के लिए क्रूज़ भी और उनके साथ ही चलता है इतिहास भी।
नदियों के रास्ते जर्मनी की खोज
Posted on 03 Nov, 2010 09:17 AM
जर्मनी को कुदरत के विलक्षण उपहार के रूप में मिली नदियां यहां के लोगों की आत्मा की तरह हैं और प्रेरणा भी। सैलानियों के लिए यह नदियों के रास्ते जर्मनी की एक अविस्मरणीय खोज बन सकती है। आइये इनकी यात्रा पर निकलें।
नदियों पर टेढ़ी होती मौसम की नजर
Posted on 03 Nov, 2010 08:58 AM
एशिया में जल स्तर तेज़ी से असंतुलित हो रहा है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से आने वाले वर्षों में भारत में कई नदियां सूखे मैदान में तब्दील हो सकती हैं। संकट के लक्षण दिखने लगे हैं।
केंद्र ने किया पोलावरम परियोजना का समर्थन
Posted on 29 Oct, 2010 08:46 AMनई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद की जड़ गोदावरी नदी पर बनने वाली पोलावरम इंद्रा सागर परियोजना का केंद्र सरकार ने समर्थन किया है। केंद्रीय जल आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में परियोजना को मंजूरी का समर्थन करते हुए कहा है कि डूब से बचने के लिए जरूरी उपाय किए जा सकते हैं। आयोग ने यह हलफनामा परियोजना का विरोध करने वाले उड़ीसा राज्य के मुकदमे में दाखिल किअलकनंदा पर रद्द हुआ पनबिजली प्रोजेक्ट
Posted on 25 Sep, 2010 01:20 PMनई दिल्ली।। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में अलकनंदा पर प्रस्तावित 320 मेगावॉट की कोटली-भेल-1बी परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी खारिज कर दी गई है। पहाड़ की नदियों, जंगलों और संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ रहे जन संगठनों ने राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकरण (एनईएए) के इस फैसले पर खुशी जताई है।जोशीमठ: सुरंग निर्माण में फूटे स्रोत से खतरे में जनजीवन
Posted on 07 Sep, 2010 11:38 AMजल लघु विद्युत योजनाएं सरहदी क्षेत्र जोशीमठ के लिए प्राणघातक बन रही हैं। 400 मेगावाट विष्णुप्रयाग योजना ने पास के चाँई गांव को लगभग नष्ट कर दिया है। अब 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ योजना, जिसे एन. टी.पी.सी.
पंचेश्वर बाँध: झेलनी ही होगी एक और बड़े विस्थापन की त्रासदी
Posted on 07 Sep, 2010 11:17 AMसैकड़ों बाँधों से लगभग पूरा नक्शा ही काला हो गया था। बाँधों से उभरी यह कालिख प्रतीकात्मक रूप में तथाकथित ऊर्जा प्रदेश के भविष्य को भी रेखांकित करती है।