In our quest to spotlight dedicated entrepreneurs in the water sector, we bring you the inspiring story of Priyanshu Kamath, an IIT Bombay alumnus, who pivoted from a lucrative corporate career to tackle one of India's most intricate water quality challenges, that of pollution of its urban water bodies.
जानिए क्या कारण है कि चंपावत जिले की एकमात्र झील श्यामलाताल आज अपने अस्तित्व को तलाश रही है और तकरीबन 7 मीटर गहरी झील में अब सिर्फ एक से डेढ़ मीटर पानी रह गया है।
Posted on 16 Oct, 2013 03:58 PMसंपूर्ण अभियान हेतु तत्कालीन कलेक्टर देवास द्वारा एक सोची समझी तथा सुदृढ़ रणनीति निर्धारित कर चरणबद्ध कार्यक्रम के माध्यम से प्रभावी क्रियान्वयन करवाया गया मुख्य रूप से इसे दो हिस्से में विभाजित किया गया।
Posted on 16 Oct, 2013 03:18 PM1. इस अवधारणा को समाज में फैलाने व रेवासागर को सामाजिक आंदोलन बनाने के लिए प्रारंभिक दौर में 5 जिले में 5000 बड़े किसानों को चिन्हित किया गया इसके उपरांत प्रत्येक ब्लॉक में ऐसे कुछ किसानों को चिन्हित किया गया जो इस अवधारणा से पूर्णतः सहमत थे कुछ ऐसे किसानों को भी इस अभियान में प्रेरक के रूप में जोड़ा गया पूर्व में अपने खेतों में तालाब बनाकर सिंचाई कर रहे थे।
Posted on 16 Oct, 2013 03:11 PMनर्मदा मध्य प्रदेश की जीवन रेखा होने के साथ-साथ जिले की भी जीवन रेखा है नर्मदा को लेकर जिले के लोगों में गहरी श्रद्धा है वैसे भी नर्मदा भारतीय संस्कृति में महज एक नदी न होकर आध्यात्म का केंद्र है। नर्मदा का ही पर्यायवाची है रेवा। लोगों की भावनाओं को केंद्र में रखकर खेतों में बनाये जाने वाले तालाबों को रेवासागर कहा गया। इसी तरह पौराणिक कथाओं में भागीरथ द्वारा अपने परिजनों को तारने के दृष्टांत भी मि
Posted on 16 Oct, 2013 12:57 PM1. कृषि अवशिष्ट तालाब के पानी के साथ recycle होगा जिससे humus बढ़ेगी तथा मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ेगी। 2. वर्तमान में रबी की फसल 20-30 प्रतिशत किसान ही ले पाते हैं रेवासागर निर्माण से रबी की फसल में आशातीत वृद्धि संभव है। 3. सिंचाई के लिए नलकूप खनन एक जुआ है जबकि तालाब निर्माण में व्यय होने वाली राशि सौ प्रतिशत सुरक्षित निवेश है।
Posted on 16 Oct, 2013 12:51 PMउक्त अवधारणा के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा थी समाज की मानसिक सोच। पानी बचाने के काम को अभी तक सामुदायिक कार्यों की श्रेणी में रखा गया था जिसके कारण कौन करेगा-किसको लाभ होगा जैसे प्रश्न अनुत्तरित थे या उनका कोई स्पष्ट जबाव रणनीतिकारों के पास नहीं था। सामुदायिक कार्यों में समुदाय इस बात का भी इंतजार करता है कि पहले पहल कौन करे, इसके अलावा पिछले अनुभवों के आधार पर सामुदायिक कार्यों में व्यक्तिगत
Posted on 16 Oct, 2013 12:17 PMजिस तरह औद्योगिक अर्थव्यवस्था में बिजली/ऊर्जा/ पेट्रोलियम पदार्थ critical input है उसी तरह कृषि अर्थव्यवस्था में पानी का critical input की तरह प्रयोग होता है।
कृषि प्रधान देश में कृषि की स्थिति क्या है जानने के लिए एक नजर डालते हैं कृषि से जुड़े कुछ तथ्यों पर – 1. प्रतिवर्ष भारत में लगभग 20 हजार किसान फसल खराब हो जाने और कर्ज नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं। 2. एक राष्ट्रीय सैंपल सर्वे के अनुसार 40 प्रतिशत किसान कृषि व्यवसाय को छोड़ना चाहते हैं।