एक विचार जो आकाश बना

जिस तरह औद्योगिक अर्थव्यवस्था में बिजली/ऊर्जा/ पेट्रोलियम पदार्थ critical input है उसी तरह कृषि अर्थव्यवस्था में पानी का critical input की तरह प्रयोग होता है।

असिंचित कृषि की तुलना में सिंचित कृषि से किसान कई गुना लाभ कमा सकता है यदि एक कृषक जिसके पास पानी की व्यवस्था नहीं है यदि वह Capative irrigaton की व्यवस्था करने में अपनी जमीन एवं धन का निवेश करता है तो वह इस पूंजी निवेश के बदले कई गुना लाभ कमा सकता है इस विचार को पानी की अर्थशास्त्र भी कहा जा सकता है। (उमाकांत उमराव)

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