2.किसानों को रेवासागर की अवधारणा समझाने के लिए कृषि उपज मंडी में ही गोष्ठियों का आयोजन किया गया कृषि उपज मंडी में किसान सहजता से उपलब्ध रहते हैं तथा किसानों को आपसी चर्चा के लिए वहां पर्याप्त समय मिलता है।
3. मंडियों में आयोजित गोष्ठियों में किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रेरक किसान साथी, जिला पंचायत का तकनीकी दल, कृषि विभाग के अधिकारी एवं स्वयं सेवी संगठन के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहते थे।
4. किसानों को प्रेरित करने के लिए लंबे भाषणों के बजाय “बातचीत” को प्रशिक्षण की विधि बनाया गया। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह हुआ कि प्रशिक्षण का माहौल अनौपचारिक रहा, सीधे किसानों का जुड़ाव हुआ। बातचीत के माध्यम से किसानों में रेवासागर को लेकर जिज्ञासा पैदा हुई तो वही कुछ शंकाओं ने भी जन्म लिया। लेकिन प्रश्न उत्तर के जरिए उनकी जिज्ञासा और शंकाओं ने भी जन्म लिया। लेकिन प्रश्न उत्तर के जरिए उनकी जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान करते हुए उन्हें प्रेरित किया गया।
क्र. | प्रश्न | उत्तर |
1 | आपके पास कितनी कृषि भूमि है? | 10 एकड़, 20 एकड़, 50 एकड़ |
2 | आपकी कृषि भूमि सिंचित है या असिंचित? | अधिकतर असिंचित है |
3 | सिंचाई हेतु किस पर निर्भर हैं? | बारिश के भरोसे, नलकूप एवं कुओं से |
4 | अच्छा तो यह बताओ कि आपके पास कितने नलकूप हैं? | दो, चार, छः, दस |
5 | कुएं कितने हैं? | एक, दो, चार |
6 | अभी तक आपने नलकूपों/कुओं पर कितना व्यय किया? | 40 हजार से लेकर एक लाख, दो लाख, चार लाख |
7 | इस व्यय का इंतजाम कैसे किया? | स्वयं के द्वारा, साहूकार से, बैंक से |
8 | अभी तक आपने जितना व्यय किया, उसके लिए सरकार के पास मदद के लिए गए थे? | नहीं सरकार से कोई मदद नहीं ली गई। |
9 | क्या इतने व्यय के पश्चात पानी की पर्याप्त इंतजाम सिंचाई हेतु हो पाया? | नहीं, पर्याप्त नहीं। गर्मी में नलकूप, कुएं सूख जाते हैं। वर्ष भर पानी उपलब्ध नहीं रहता, निस्तार के लिए भी संकट हो जाता है। |
10 | बीस साल बाद क्या होगा? | फसल लेना मुश्किल होगा, गांव में पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाएगा, पशुओं के लिए पानी मिलना संभव नहीं होगा तथा चारे का भी भयंकर संकट उत्पन्न हो जाएगा आदि-आदि |
11 | बच्चों को विरासत में क्या दोगे?बंजर भूमि या सिंचित जमीन | बंजर जमीन |
12 | जमीन की कीमत क्या होगी? | असिंचित भूमि 1.00 लाख तथा सिंचित भूमि 4.00 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर |
13 | क्या फरवरी माह के बाद जानवरों को पानी व चारा उपलब्ध हो पाता है? | नहीं। |
14 | क्या मार्च माह के बाद पक्षी दिखाई देते हैं? | सतही जल न होने के कारण पक्षी दिखाई नहीं देते हैं वातावरण नीरस होता जा रहा है। आज पक्षी तथा कल हम भी समाप्त हो जाएंगे। |
15 | नलकूप खनन जुआ है या सुरक्षित प्रयास? | नलकूप खनन जुआ है। |
16 | तालाब सुरक्षित है या जुआ | तालाब सुरक्षित प्रयास है सही मायने में पूंजी निवेश है |
17 | (1) एक एकड़ जमीन को बचाने के लिए पूरे 10 एकड़ जमीन में रबी की फसल न लेना। (2) एक एकड़ जमीन में तालाब बनाकर शेष 1 एकड़ जमीन में रबी की फसल लेना। दोनों में से कौन सा बुद्धिमानी पूर्ण निर्णय है। | एक एकड़ जमीन डूबोकर 9 एकड़ में रबी का उत्पादन लेना। |
1. मंडियों में गोष्ठी के अलावा गांव की चौपाल पर पारिवारिक कार्यक्रमों में भी रेवासागर पर चर्चा कर किसानों को प्रेरित करने के प्रयास किए गए।
2. रेवा सागर बनाने का निर्णय करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर श्री उमाकांत उमराव स्वयं किसान के खेत पहुंचकर भूमि पूजन में शरीक होते उपस्थित किसानों से चर्चा करते लीडर का गांव खेत तक पहुंचना कारगर साबित हुआ।
3. किसानों को प्रेरित करने के लिए अक्सर चौपालों, गोष्ठियों, खेतों में कई तरह की चर्चाओं के दौर चलाए गए।
“यदि आप लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए, अपने स्वयं की आय में वृद्धि के लिए अपने खेत के 10वें हिस्से में अपने स्वयं के व्यय से रेवासागर का निर्माण कर लेंगे तो पानी के संकट से हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं। साथ ही भूमिगत जल के रूप में एक सुरक्षित जीवन अपनी भावीं पीढ़ी को सौंप सकते हैं। जिस प्रकार आज हम हमारे पूर्वजों को इसलिए याद करते हैं कि उन्होंने तालाब बनवाए थे बावड़िया खुदवाई थी आप भी अपने खेत में रेवासागर का निर्माण करवाकर अपनी यादगार पीढ़ियों तक स्थायी कर सकते हैं। रेवासागर निर्माण आपके आर्थिक लाभ के लिए तो है ही लेकिन पशुपक्षियों के लिए भी जल उपलब्ध करवाकर आप न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करेंगे बल्कि इससे होने वाले पुण्य लाभ को भी अर्जित कर सकेंगे।”
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