There is a need for a multi-faceted approach to disaster management, combining advanced monitoring, early warning systems, community preparedness, and sustainable land use practices to mitigate future risks.
एक अध्ययन से पता चलता है कि समुद्री लू या हीटवेव (असामान्य रूप से उच्च समुद्री तापमान की अवधि) जो पहले हर साल लगभग 20 दिनों तक होती थी (1970-2000 के बीच), वह बढ़कर 220 से 250 दिन प्रति वर्ष हो सकती है। जानिए क्या होंगे इसके परिणाम?
Posted on 30 May, 2014 12:33 PMभले ही देश भर में लोकसभा चुनावों में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे छाए हुए हैं लेकिन सुंदरवन के मतदाताओं के लिए द्वीपों के डूबने का खतरा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां के मतदाता उम्मीदवारों से वायुमंडलीय तापमान में इजाफे के खतरे पर ध्यान देने की अपील कर रहे हैं। रॉयल बंगाल टाइगर के लिए मशहूर सुंदरवन द्वीप समूह के 54 द्वीपों में 40 लाख से ज्यादा मतदात
Posted on 27 Apr, 2014 01:00 PMआज हमारे सामने विकास बनाम पर्यावरण का मुद्दा है और दोनों में से किसी को भी त्यागना संभव नहीं इसलिए समन्वित दृष्टिकोण के साथ वैश्विक हितों को साझा किया जाना चाहिए। यह ठीक है कि विकासशील देश चाहते थे कि उनको वह पूंजी और तकनीकी मिले ताकि वे पर्यावरण बचाने के साथ साथ अपने विकास को भी बनाए रख सकें। क्योंकि पर्यावरण की चिंताओं के बीच भी वे विकास को पर्यावरण के आगे क़ुर्बान करने के लिए तैयार नहीं थे और न होंगे। हाल में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर-सरकारी समिति ने भारी-भरकम रिपोर्ट जारी करते हुए यह आगाह किया है कि अगर दुनिया के देश गर्म होने वाली गैसों के प्रदूषण में कमी नहीं लाते तो ग्लोबल वार्मिंग से होने वाला नुकसान बेकाबू हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग से सिर्फ ग्लेशियर ही नहीं पिघल रहे, बल्कि इससे लोगों की खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और रहन-सहन भी प्रभावित होने लगा है।
रिपोर्ट में आहार सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान दिया गया है। पर्यावरण परिवर्तन के अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक तापमान के कारण आने वाले समय में धान और मक्के की फसलों की बर्बादी का अंदेशा है। मछलियां बहुत बड़ी आबादी का आहार हैं। उन्हें भी क्षति होगी। बड़ी चुनौती है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कैसे कम किया जाए।