भूजल

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May 19, 2024 The surprising connection between Wikipedia, beaches, and your water bottle.
A top down image of a lush green forest in a sacred grove in Meghalaya (Image created by: Sreechand Tavva)
May 15, 2024 बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है।
भूजल का अत्यधिक दोहन
May 12, 2024 Rethinking community engagement in the Atal Bhujal Yojana
Towards sustainable groundwater management (Image: IWMI)
May 8, 2024 What is the ecosystem based approach to water management? How can it help in solving the water woes of states in the Deccan Plateau?
An ecosystem based approach to water management (Image Source: India Water Portal)
March 13, 2024 As cities such as Bangalore grapple with the water crisis, understanding the value of conserving groundwater to prevent this from happening in the future is urgently needed!
Groundwater, a threatened resource (Image Source: India Water Portal)
December 30, 2023 भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड के मामले में एनजीटी ने "जिम्मेदारी से भागने" के लिए 28 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, सीजीडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया।
भूजल में आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व
रेगिस्तान में मिला 4800 खरब लीटर का जल भंडार
Posted on 22 Jan, 2020 10:03 AM

रतन दवे, राजस्थान पत्रिका, 22 जनवरी, 2020

वैज्ञानिकों के अनुसार बाडमेर से जालौर तक भूगर्भीय विस्तार वाले इस 4,800 खरब लीटर के पानी के भंडार की सबसे बड़ी चुनौती इसका खारापन है। केन्द्र सरकार का जलशक्ति मंत्रालय इसको मिशन के रूप में हाथ में ले तो खाड़ी देशों की तरह पानी की लवणीयता को हजारों सालों तक पानी को खत्म कर 10 लाख की आबादी आपूर्ति की जा सकती है।

रेगिस्तान में मिला 4800 खरब लीटर का जल भंडार
भूजल की हर बूंद का हिसाब रखेगी झारखंड सरकार
Posted on 18 Jan, 2020 01:28 PM

दैनिक जागरण, रांची, 18 जनवरी 2020

भूजल के अतिदोहन से झारखंड में पैदा हो रहे हालात पर प्रभावी नियंत्रण की पहल राज्य सरकार के स्तर से शुरू की गई है। राज्य गठन के बाद पहली बार धरती के भीतर जमा जल के संरक्षण और इसके उचित आवंटन को कानून के दायरे में लाने की कवायद शुरू की गई है।

भूजल की हर बूंद का हिसाब रखेगी झारखंड सरकार
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