बारानी कृषि

Term Path Alias

/topics/rainfed-agriculture

Featured Articles
September 6, 2024 A millet-based approach to combating malnutrition in Odisha
Mixing of ingredients for preparation of ragi mix by women self-help group members (Image: WASSAN)
May 18, 2024 A case study of women-led climate resilient farming by Swayam Shikshan Prayog
Building the resilience of women farmers (Image: ICRISAT, Flcikr Commons)
February 9, 2023 Reduced allocation to MGNREGA will reduce employment days available, let alone solve the question of payment of pending wages.
Women farmers at work in their vegetable plots near Kullu (Image: Neil Palmer (CIAT)/Wikimedia Commons)
December 28, 2022 This study found that high rainfall, minimum temperature and high irrigation intensity had a negative impact on crop diversification in Himachal Pradesh.
Crop diversification to cope with climate shocks in Himachal Pradesh (Image Source: Wikimedia Commons)
August 10, 2022 The irrigation at all costs mindset and narrow policies for drought protection during the colonial rule ignored rainfed agriculture and local practices that sustained agriculture in the Bombay Deccan. This continues even today.
Recurrent droughts and the struggle for survival (Image Source: Gaurav Bhosale via Wikimedia Commons):
July 25, 2022 This first of its kind study found that fragmented water landscapes increased the risk of Japanese Encephalitis by providing more opportunities for mosquito breeding and transmission of the virus from animals to humans via animal hosts.
Stagnant waters can encourage mosquito breeding and increase risk of diseases (Image Source: India Water Portal)
कम नमी ने कृषि की बिगाड़ी तस्वीर
Posted on 06 Jan, 2018 10:58 AM
वैसा ही हुआ जैसी आशंका थी। खेती पिछड़ने लगी और कृषि की विकास दर मद्धिम पड़ने लगी है, जिसके आगे भी जारी रहने की आशंका है। मानसून के बिगड़े मिजाज ने तो इसके संकेत पहले ही दे दिये थे। तभी तो सरकारी तंत्र कृषि क्षेत्र को विशेष तरजीह देकर उसकी रफ्तार बढ़ाने की कोशिश करता रहा। लेकिन बात नहीं बनी। कृषि विकास दर घटकर दो फीसद के आस-पास सिमट गई है।
जैविक खाद एवं इसका उपयोग
Posted on 15 Jun, 2017 12:38 PM
खलियों में उपस्थित पोषक तत्व जैविक यौगिकों के रूप में रहते है
मौसम, मनुष्य और बेईमानी
Posted on 19 Jul, 2015 12:00 PM आज साफ पेयजल की कमी, आनुवंशिक विविधता की कमी, जमीन का कटाव, जंगल की
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर कर रहे खेती
संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (यूएनसीसीडी) के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच भारत की कुल रिपोर्टेड जमीन की 30.51 करोड़ हेक्टेयर भूमि की गुणवत्ता गिरी, बंजर हुई है। इसका मतलब है कि 2019 में देश की कुल जमीन का 9.45% गुणवत्ता गिर चुका था, जो 2015 में केवल 4.42% था। यह जानकारी यूएनसीसीडी द्वारा जारी की गई है। Posted on 20 May, 2024 06:39 AM

भारत 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। देश की कुल 32 करोड़ 90 लाख हेक्टेयर भूमि में से 12 करोड़ 95 लाख सत्तर 70 हेक्टेयर भूमि बंजर है। भारत देश में बंजर भूमि के ठीक-ठीक आकलन के लिए अभी तक कोई विस्तृत सर्वेक्षण नहीं हुआ है, फिर भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का अनुमान मुताबिक सर्वाधिक बंजर जमीन मध्यप्रदेश में है-2 करोड़ 1 लाख 42 हेक्टेयर। उसके बा

बड़ी मात्रा में कृषि भूमि की गुणवत्ता गिरी या बंजर हुई हैं
×