Posted on 14 Nov, 2015 11:56 AM पंचायत समिति, डग (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:27 PM पंचायत समिति, बकानी (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:23 PM पंचायत समिति, सायला (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:20 PM पंचायत समिति, सांचोर (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:18 PM पंचायत समिति, रानीवाड़ा (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:15 PM पंचायत समिति, जसवंतपुरा (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:12 PM पंचायत समिति, जालोर (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:09 PM पंचायत समिति, भीनमाल (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:06 PM पंचायत समिति, आहोर (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:55 PM पंचायत समिति, लक्ष्मणगढ़ (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।