Posted on 22 Nov, 2015 01:57 PM पंचायत समिति, माण्डल (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:51 AM पंचायत समिति, कोटड़ी (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:48 AM पंचायत समिति, हुरड़ा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:46 AM पंचायत समिति, बनेडा (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:43 AM पंचायत समिति, आसीन्द (जिला भीलवाड़ा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भीलवाड़ा जिले में 427 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 390 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:41 AM पंचायत समिति, कुम्हेर (जिला भरतपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:39 AM पंचायत समिति, कामां (जिला भरतपुर) अर्द्धसंवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 21 Nov, 2015 11:37 AM पंचायत समिति, डीग (जिला भरतपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 20 Nov, 2015 04:16 PM पंचायत समिति, बयाना (जिला भरतपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा भरतपुर जिले में 514.26 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 453.51 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 17 Nov, 2015 11:50 AM पंचायत समिति, सिणधरी (जिला बाड़मेर) संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बाड़मेर जिले में 13692 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 11502 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।