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पानी के छलावे की फिल्म है कालीचाट
Posted on 21 Aug, 2016 10:40 AM


कालीचाट फिल्म ने एक बार फिर पानी के नाम पर चल रहे खतरनाक किस्म के गोरखधन्धों की ओर नए सिरे से ध्यान खींचा है। पानी के लिये आज का समाज किस विभ्रम की स्थिति में है, यह किसी से छुपा नहीं है।

आइये, पानी से रिश्ता बनाएँ
Posted on 11 Aug, 2016 02:48 PM


नदियों को जोड़ने, तोड़ने, मोड़ने अथवा बाँधने का काम बन्द करो। रिवर-सीवर को मत मिलने दो। ताजा पानी, नदी में बहने दो। उपयोग किया पानी, नहरों में बहाओ। जल बजट को जल निकासी में कम, वर्षाजल संचयन में ज्यादा लगाओ। नहर नहीं, ताल, पाइन, कूलम आदि को प्राथमिकता पर लाओ।

बिहार के गाँवों में पानी पर टैक्स लगाने की तैयारी
Posted on 11 Aug, 2016 11:51 AM


पानी का प्रबन्ध पंचायत करेगी। पहली नजर में यह खबर सराहनीय लगती है। पंचायतों को पानी का प्रबन्धन करने के लिये बड़ी रकम दी जाएगी। 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्य को जो रकम मिलने वाली है, उसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के प्रबन्धन के लिये आवंटित रकम पंचायतों को दे दी जाएगी।

पानी का मसला लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के बजाय पंचायती राज विभाग को सौंप दिया जाएगा। पूरा खाका राज्य कैबिनेट को सौंप दिया गया है। लेकिन इस योजना में तालाब और कुओं का कहीं उल्लेख भी नहीं है। नलकूप, मोटरपम्प, पाइपलाइन, जलमीनार, जल-परिशोधन यंत्र इत्यादि के प्रावधान जरूर किये गए हैं। यहीं असली पेंच है जिससे खटका होता है।

योगी और बालियान के गाँवों में हाँफ रही योजना
Posted on 07 Aug, 2016 10:40 AM
आदर्श गाँव घोषित होने के बाद 130 घरों में शौचालय बनवाए गए हैं
इस महीने भी देश भर में जमकर बरसेंगे बदरा
Posted on 02 Aug, 2016 02:30 PM
दिल्ली में पिछले महीने सामान्य से 40 फीसद ज्यादा हुई बारिश
कहीं नदियाँ उफान पर कहीं बिजली का कहर
Posted on 02 Aug, 2016 02:12 PM
नई दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा)। देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता के चलते रविवार भी कहीं भारी बरसात हुई तो कहीं खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ। भारी बरसात के चलते कई मार्ग अवरुद्ध हुए। ओडीशा में बिजली गिरने से 32 लोगों की जानें गई। बिहार में बरसात से मरने वालों की संख्या 26 हो गई। बिहार और असम सहित देश के बाढ़ प्रभावित इलाकों से दस हजार से ज्यादा लोगों
वर्षाजल का संरक्षण
Posted on 31 Jul, 2016 04:34 PM
अब मानसून ने भले ही चिलचिलाती गर्मी से निजात दिला दी हो, लेकिन देश में पर्याप्त जल संकट अभी भी जस का तस ही बना हुआ है, चाहे बात पेयजल की हो या अन्य कामों के लिये जल की आपूर्ति की। देश में अधिकतर राज्यों में पहले से ही सूखे की घोषणा की जा चुकी है। और यह जल संकट सतही और भूजल दोनों के अभाव से उपजा है। चूँकि अब बारिश की बूँदों ने पूरे देश को भिगोना शुरू कर दिया है तो यह आवश्यक है कि इस वर्षाजल क
जल बिन कल
Posted on 31 Jul, 2016 04:26 PM
पिछली कुछ सभ्यताओं ने दुरुपयोग करने के स्थान पर पानी का तरह-त
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