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समाचार और आलेख
आर्द्रभूमियों का विनाश है खतरनाक
Posted on 01 Feb, 2019 11:30 AMभारत में आर्द्रभूमियों की उपलब्धता को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता। ये पारिस्थितिकीय दृष्टि से अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण और यहाँ की भौगोलिक संरचना के अभिन्न अंग हैं। वर्ष 2011 के नेशनल वेटलैंड एटलस के अनुसार भारत का 4.63 प्रतिशत हिस्सा आर्द्रभूमि के अन्तर्गत आता है, वहीं देश में उपलब्ध कुल शुद्ध जल का 5 प्रतिशत इन्हीं क्षेत्रों में संरक्षित है। इसीलिये यह आवश्यक हो जाता है कि हम इनको संरक्षित करन
शहद-नींबू पानी के सहारे 100 दिन गुजारे
Posted on 31 Jan, 2019 12:20 PM कुम्भ नगर (प्रयागराज): कथा है कि कभी गंगा को धरती पर लाने के लिये भगीरथ अन्न जल, त्यागकर एक पैर पर तपस्या के लिये खड़े रहे थे। ऐसा ही एक प्रण 26 वर्षीय ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने लिया है। गंगा को बाँधों और अवैध खनन से मुक्ति दिलाने के लिये बीते 100 दिनों से सिर्फ शहद, नींबू, नमक पानी के सहारे समय काट रहे हैं।जल प्रबन्धन की एक अनूठी पहल
Posted on 29 Jan, 2019 08:27 AMस्थायी और विवेकपूर्ण जल उपयोग के लिये समुदाय को इस सिद्धान्त को समझना और स्वीकार करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। पानी
तालाब बना डॉक्टर
Posted on 22 Jan, 2019 03:37 PMमध्य प्रदेश में एक तालाब को लोक अंचल में डॉक्टर की तरह का मान मिला हुआ है। लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने यहाँ पहुँचते हैं। इस पर उनकी खासा विश्वास है और कई लोगों की बीमारियाँ ठीक होने का दावा भी किया जाता है।
हर हर गंगे
Posted on 21 Jan, 2019 04:14 PM गंगा है तो भारत है, भारत है तो गंगा। इस रिश्ते को विश्व ने भी माना है। गोमुख से गंगासागर तक गंगा नदी भारत को उसकी पहचान की कई अनूठी विरासतें देते बहती है। गंगा महोत्सव 2019 (21 जनवरी-23 जनवरी) के मौके पर आइए देखें गंगा के कुछ पड़ावों को पर्यावरणिद अनिल जोशी की नजर से
कर दो कन्यादान हिमालय,
बिटिया अब ससुराल चली
भारत को दुनिया के बराबर खड़ा करने की तैयारी में सरकार
Posted on 21 Jan, 2019 12:45 PMनई दिल्ली: कृषि उत्पादन में पिछड़े भारत को दुनिया के बराबर पर खड़ा करने को केन्द्र सरकार नए कदम उठाने की तैयारी कर रही है। राज्यों के साथ मिलकर नीतिगत सुधार, आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ सिंचाई और अच्छे बीज मुहैया कराएगी। सरकार ने प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ावा देने को अन्य देशों के तौर तरीकों का अध्ययन किया। इसकी वजह प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भारत कई देशों की तुलना मे
प्रथम अध्याय - कला एवं पर्यावरण का परिचय
Posted on 19 Jan, 2019 02:41 PMएक था सरोवर सोर घाटी में
Posted on 07 Jan, 2019 05:09 PMबचपन में अपने ‘मुलुक’ के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के बाबत, जिसमें मीलों तक पत्थर दिखते ही न थे। पहली बार सोर घाटी देखी तो लगा कि दादी ने अतिश्योक्ति की थी। वर्षों घूमा, सर्वेक्षण किया, अध्ययन किया, किन्तु मैदान न दिखा। दिखे पहाड़ ही पहाड़, पत्थर ही पत्थर। थल-सेनाध्यक्ष जनरल विपिन चन्द्र जोशी के आग्रह पर पानी की तलाश में एक बार निकला तो अकस्मात दादी अम्मा का बताया मैदान प
पिथौरागढ़ का भौगोलिक स्वरूप
Posted on 04 Jan, 2019 01:18 PMकिसी भी क्षेत्र का भूगोल उसकी पर्यावरणीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं भाषाई स्वरूप के साथ-साथ उसके लोक जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित और निर्धारित करता है।