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समाचार और आलेख
मुंबई की दूसरी सबसे बड़ी झील पर बीएमसी ने बनाया मास्टर प्लान
Posted on 21 Nov, 2022 12:56 PM
मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (एमएचसीसी) के द्वारा संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में 1860 में सुनसान जंगल में बना एक बंगला (जिसे आधिकारिक तौर पर भूत बांग्ला के रूप में भी जाना जाता है) और वर्ष 1879 में निर्मित तुलसी झील में जल उपचार संयंत्र को पुनर्स्थापित करने के आदेश दिए है।
मैंग्रोव वन जलवायु परिवर्तन के परिणामों से निपटने में सबसे अच्छा विकल्प
Posted on 16 Nov, 2022 03:53 PM
इस वर्ष के संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (MAC) को भारत के साथ एक भागीदार के रूप में लॉन्च किया गया था। अपने कार्बन सिंक को बढ़ाने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप यह कदम, नई दिल्ली को श्रीलंका, इंडोनेशिया और अन्य देशों के साथ मैंग्रोव वनों को संरक्षित और पुनर्स्थापित करने के लिए सहयोग करेगा।
जिस गांव में एसडीएम से लेकर कमिश्नर तक का है घर वहाँ पानी ने पैदा कर दी सबसे बड़ी समस्या
Posted on 16 Nov, 2022 12:30 PM
गढ़मुक्तेश्वर के गंगाघाट: जहां पहले पॉलीथिन तैरती थीं, वहां अब डॉलफिन तैरती हैं
Posted on 16 Nov, 2022 12:06 PMगढ़मुक्तेश्वर का गंगाघाट बना कर्मक्षेत्र
पूर्ण देश ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व में जल को लेकर लगातार चिंता व्यक्त की जाती रही हैं कुछ लोगों ने केवल चिंता करके ही इसका समाधान निकालने का तरीका ढूंढा तो कुछ लोग इस संकट को दूर करने के लिए जी जान से लग गए। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों को सापेक्ष करते हुए कार्य करने की ठान ली। इन्हीं में से एक हैं युवा पर्यावरणविद के रूप में सम्मानित भारत भूष
बलिया जिला का सुरहा ताल, जलसंपदा का प्राकृतिक संजाल
Posted on 10 Nov, 2022 02:59 PMसुरहा ताल परिचय
सुरहा ताल या सुरहा झील गंगा और सरयू के दोआब में स्थित एक गोखुर झील है जो गंगा नदी द्वारा निर्मित है। यह उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे बलिया जनपद के मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर 2549 वर्ग हेक्टेयर के विशाल भू-भाग में फैला प्राकृतिक झील ‘सुरहा ताल’ अपने अंदर अपार संभावनाओं को समेटे हुए है। यह सुरहा ताल गंगा और सरयू के दोआब में स्थित एक गोखुर झील है जो
उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ
Posted on 09 Nov, 2022 04:49 PM
वायु प्रदूषण: साफ सांसों की खातिर आइए, हवा बनायें मुआफिक
Posted on 09 Nov, 2022 02:37 PMऋतु परिवर्तन के इन दिनों में दिल्ली का वायु प्रदूषण फिर उसी स्तर की ओर अग्रसर है, जहां हम वर्ष 2019 में थे: पिछले चार साल में खराब हवा के दिन - 1440; बेहद खराब हवा की अवधि - तीन माह; अच्छी हवा की उपलब्धता - मात्र पांच दिन। 14 चिन्हित स्थान ऐसे, जिनकी वायु गुणवत्ता, शेष दिल्ली की तुलना में हमेशा खराब। वायु प्रदूषण के कारण इंसानी मौतों का आंकड़ा - 30,000 प्रति वर्ष। कोरोना और स्माॅग साथ-साथ होने प