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जल आधारित आंदोलन- नर्मदा
सरदार सरोवर परियोजना लंबे समय तक विवादों का विषय रही जिसने पूरे देश को झकझोर दिया और हिला कर रख दिया। नर्मदा आंदोलन कुछ समस्याओं को स्पष्ट करने और समझाने में मदद करेगा जो हमारे देश में पानी के मुद्दे की मुख्य विशेषता है। आइए हम इन मुद्दों पर गौर करें क्योंकि ये देश में बढ़ती पर्यावरणीय समस्याओं की ओर सही इशारा करते हैं। Posted on 23 Jun, 2023 12:17 PM

प्रस्तावना

स्वतंत्रता के दौरान, भारत में बांधों की संख्या नगण्य थी, लेकिन आजादी के बाद से यह अत्यधिक बढ़ गई। बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन और सिंचाई करने के लिए बड़े पैमाने पर बांधों को बनाया गया। स्वतंत्रता के दौरान, भारत में तकरीबन 300 बड़े बांध थे। इसलिए बांधों को मल्टीपल रिवर वैली प्रोजेक्ट्स के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2000 तक बांधों की संख्य

नर्मदा बचाओ आंदोलन के 37 वर्ष पूरे होने पर बड़वानी में निकली सत्याग्रह यात्रा, Pc-Samta Marg
80 सेंटीमीटर पूर्व में झुक गई है पृथ्वी, वजह बेतहाशा भूजल दोहन
बेतहाशा भूजल पंपिंग में पानी के इतने बड़े द्रव्यमान को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित (पुनर्विभाजन) कर दिया है, जिसकी वजह से धरती वर्ष 1993 और 2010 के बीच लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गई। Posted on 23 Jun, 2023 11:01 AM

अविश्वसनीय

बेतहाशा भूजल दोहन के मामले में एक नए अध्ययन के अनुसार, लोगों ने भारी मात्रा में भूजल दोहन किया है, ज़मीन से निकाल कर इसे कहीं और ले जाकर छोड़ दिया है, यानी कि भोजन जमीन इलाकों से निकाल कर के और धीरे-धीरे हम लोगों ने समुद्रों में स्थानांतरित कर दिया है, जिसकी वजह से धरती 1993 से 2010 के बीच लगभग 80 सेंटीमीटर या 31.5 इंच पूर्व की ओर

झुक रहा धरती का एक्सिस, PC- करियर इंडिया
यू -पी बिहार में लू की चपेट में लोगों की मौत की संख्या बढ़ गयी है
बिहार में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और हर दिन कई लोगों की मौत हो रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश के सिर्फ एक जिले में ही कम से कम 70 और बिहार के एक जिले में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।  Posted on 22 Jun, 2023 04:39 PM

बिहार में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और हर दिन कई लोगों की मौत हो रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश के सिर्फ एक जिले में ही कम से कम 70 और बिहार के एक जिले में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। भीषण गर्मी के प्रकोप से मरने  वाले लोगों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि बिहार में दाह संस्कार के लिए उपयोग में लाने वाली लकड़ियों की कमी  हो गयी है  बक्सर के डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि सामान्य दिनों में शहर के म

UP में गर्मी का कहर,PC- इंडिया पोस्ट
हजारीबाग बरवाडीह इलाके की दुमुहानी नदी को नष्ट कर किया अवैध खनन, एनटीपीसी पर 1200 करोड़ का जुर्माना
जमीन में समाता जा रहा है उत्तराखंड का जोशीमठ शहर, शहर का भविष्य आज खतरे में है। जोशीमठ के 600 से ज्यादा घरों में लगातार दरारें पड़ती जा रही हैं। कौन जिम्मेवार है?, उत्तराखंड के जोशीमठ के लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के लिए 12 किमी लम्बी सुरंग खोदने से इलाके में धंसाव और गहरा गया है। पर एनटीपीसी का कुछ नहीं बिगड़ा। एनटीपीसी हर बार बच जाएगी ऐसा नहीं होगा। शिकायतकर्ता मोंटू सोनी की ओर से पटना हाईकोर्ट को अधिवक्ता श्री नवेन्दु कुमार की लीगल नोटिस पर भारत सरकार की महारत्न कंपनी बड़कागांव एनटीपीसी पर पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने लगभग 1200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। 





Posted on 20 Jun, 2023 12:18 PM

आरोप क्या है

पर्यावरण के मामले में देश के इतिहास में किसी भी पब्लिक सेक्टर कंपनी पर शायद अब तक का यह सबसे बड़ा जुर्माना है। बड़कागांव के मोंटू सोनी की शिकायत पर एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में शर्तों के खिलाफ क्षेत्र की जीवनरेखा दुमुहानी नदी को नष्ट कर अवैध खनन के मामले में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की केंद्रीय एडवाइजरी कमेटी ने एनटीपीसी पर शर्तों का उल्लंघन क

NTPC,PC-ग्राउंड वाटर
बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा
बड़वानी, नर्मदा तट के अनेक शहरों में से एक हैं जो नर्मदा के पानी पर जीता रहा है। यहां पीने, सिंचाई और निस्तार के दूसरे जरूरी उपयोगों के लिए नर्मदा से पंप या 'इंटेकवेल' के जरिए पानी लिया जाता रहा है। शहरवासी अन्न से लेकर श्रमिकों के श्रम तक हर अपरिहार्य पूंजी और वस्तुएं ग्रामीण क्षेत्रों से लाते हैं Posted on 20 Jun, 2023 12:03 PM

पिछले कुछ महीनों से नर्मदा को 'मातेसरी' मानने वाली, पूजने वाली, परिक्रमावासियों का स्वागत, सम्मान करने वाली, बड़वानी जैसे नर्मदा से कुल 5 किलोमीटर दूर के शहर की जनता हैरान है। कुछ दिनों से अलग-अलग समूह 'जल' के लिए तड़पते और आवाज उठाते रहे हैं। क्या जनता पिछले 37 सालों से दी जा रही नर्मदा - आंदोलनकारियों की चेतावनी समझकर अब जागृत हुई है?

बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा,pc-Zeenews
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के सभी कब्जे हटाए जाएं - एनजीटी
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के किनारे के धनौला गांव में नदी पर अवैध निर्माण गतिविधियों के मुद्दे को सबसे पहले याचिकाकर्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने उठाया था, जिनका इस साल 6 मार्च 2023 को निधन हो गया। उनके पति केसर सिंह अब सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी मामले की पैरवी कर रहे हैं।

Posted on 17 Jun, 2023 05:06 PM

5 जून 2023, देहरादून,

सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी पर अतिक्रमण,फोटो सभागार:- केसर सिंह
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय
गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने दस्तक दे दी है। Posted on 16 Jun, 2023 01:18 PM

आज गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय दस्तक दे दी है । हर तरफ इसी चक्रवाती तूफान की चर्चा हो रही है। आखिर बिपरजॉय चक्रवात क्या है और कितना ये खतरनाक है इसको समझने से पहले हमें चक्रवाती तूफान होता क्या है उसको समझना होगा।  

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, PC-Buisness Today
मृदा आर्द्रता संवेदक का गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के साथ निष्पादन एवं मूल्यांकन
कृषि में कुल उपलब्ध पानी का 70% से 80% उपयोग हो जाता है। इस गंभीर जल संकट के दौर में कृषि हेतु जल की बचत करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। ट्रिप सिंचाई विधि में पाइप नेटवर्क का उपयोग करके खेतों में पानी का वितरण किया जाता है Posted on 12 Jun, 2023 10:58 AM

प्रस्तावना

भूमि और जल संसाधन कृषि की बुनियादी जरूरते हैं और किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए यह दोनों संसाधन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह सर्वविदित है कि बढ़ती आबादी के कारण इन संसाधनों की माँग लगातार बढ़ती रहेगी। वर्तमान में खाद्य आपूर्ति की तुलना में विश्व की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है दुनिया में कुल 3% ही जल उपयोग हेतु उपलब्ध है जबकि भारत में केवल 2.4% भू-भा

मृदा आर्द्रता संवेदक का गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के साथ निष्पादन एवं मूल्यांकन,PC-db
पंजाब में टिकाऊ कृषि हेतु जलसंसाधनों का प्रबंधन
इन भूजल संसाधनों में आ रही गिरावट के मुख्य कारण हर साल नलकूपों की संख्या में वृद्धि, वर्षा की असमान प्रवृत्ति, प्रचलित फसल पद्धति, बढ़ती जनसंख्या औद्योगीकरण, शहरीकरण आदि हैं। अतः इस गंभीर समस्या पर काबू पाने के लिए कृषि में जल का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने का हमारा कर्तव्य बन जाता है। यह तभी संभव है जब कृषि के लिए भूजल एवं सतही जल संसाधनों का उचित रूप से दक्ष प्रबंधन किया जाए। Posted on 10 Jun, 2023 01:33 PM

प्रस्तावना

हमारे देश में उपलब्ध कुल जल संसाधनों की 85% से अधिक खपत कृषि के क्षेत्र में होती है और इसमें से हम भूजल द्वारा ही फसलों की 72% से अधिक सिंचाई की माँग को पूरा करते हैं जिससे देश में उपलब्ध भूजल संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा हैं। इन भूजल संसाधनों में आ रही गिरावट के मुख्य कारण हर साल नलकूपों की संख्या में वृद्धि, वर्षा की असमान प्रवृत्ति, प्रचलित

पंजाब में टिकाऊ कृषि हेतु जलसंसाधनों का प्रबंधन,Pc-ToI
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एक बेहतर विकल्प
वर्षा जल का सही तरीके से सरक्षण करते हुए "जल सिंचन" के माध्यम से सूक्ष्म स्तर पर जल दोहन करके संरक्षित सिंचाई सृजित की जाये  सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आज की आवश्यकतानुसार एक बेहतर विकल्प है।



Posted on 09 Jun, 2023 04:47 PM

किसी भी देश को आगे ले जाने के लिए कृषि के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।क्योंकि कृषि का योगदान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में सहायक होता है जबकि ऐसे समय में जब जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और उस जनसंख्या की खाद्य पूर्ति एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमें और अधिक उत्पादन की जरूरत पड़ेगी, पर इस बढते हुए जनसंख्या को खिलाने के लिए हमारे पास जो उपलब्ध संसाधन है

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एक बेहतर विकल्प, Pc-aurjaniy
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