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स्वच्छ पानी स्वस्थ काया रोग  मिट सेहत सुधरे
गुर्दों से 1500 ग्राम, त्वचा से 650 ग्राम, फेफड़ों में 350 ग्राम और मलद्वार से 150 ग्राम पानी खर्च होता है। इस खर्च हुए पानी की पूर्ति भोजन में घुले पानी से होती है, परन्तु सन्तुलन के लिए प्रतिदिन ढाई किलो पानी पीना जरूरी समझा जाता है। शरीर के तापमान के अनुसार पानी घूंट-घूंट पीना चाहिए। हमें शुद्ध पानी ही पीना चाहिए, इसे तुलसी के पत्ते डालकर भी शुद्ध किया जा सकता है। प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक के जहरीले रसायन पानी में मिल जाते हैं फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से जोड़ों में दर्द, चलने फिरने में कष्ट, दांत पीले-पीले हो जाते हैं तथा हड्डियों में भी दोष हो जाते हैं। Posted on 23 Aug, 2023 04:17 PM

ऋग्वेद में कथन है "सर्वेषाम भेषजम अप्सु में"

स्वच्छ पानी स्वस्थ काया रोग  मिट सेहत सुधरे
वाह, क्या नदियां हैं !
गंगा, भारत की सबसे प्रसिद्ध और पवित्र नदी है। यह हिमालय पर्वत से निकलती है तथा बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। इसकी लंबाई 2500 किलोमीटर से भी अधिक है। हिमालय से निकलकर यह ऋषिकेश में आती है। और वहां से हरिद्वार के मैदान में आ जाती है। लंबाई की दृष्टि से विश्व में गंगा का स्थान 39वां तथा एशिया में 15वां हैं। Posted on 23 Aug, 2023 01:27 PM

नदियां तो हर देश में होती हैं, लेकिन इनके बारे में कितना कुछ जानते हैं आप? नदी को अंग्रेजी में रीवर कहते हैं। इस शब्द की उत्पति लैटिन भाषा के रिया शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है किनारा पुराने जमाने में पानी की उस धारा को जिनके किनारे होते थे, रीवर कहा जाता था। लेकिन आधुनिक परिभाषा के अनुसार पानी की बहती विशाल धाराओं को, जिनके किनारे बदलते रहे। हैं, नदी कहा जाता है।

गंगा, भारत की सबसे प्रसिद्ध और पवित्र नदी
जलविज्ञानीय कहावतों का वैज्ञानिक विश्लेषण
जब बादल नीचे होता है तो उसका रंग काला दिखाई देता है, लेकिन जो बादल ऊँचा होता है वह भूरे रंग का दिखायी देता है। जब तक बादल की डायनेमिक कूलिंग नहीं होती बादल पानी में नहीं बदलता, जब बादल नीचे से ऊपर उठता है Posted on 22 Aug, 2023 05:33 PM

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। क्योकि हमारी आबादी का लगभग 80% गाँवों में निवास करता है । तथा उनकी  जीविका  उर्पाजन का मुख्य स्रोत कृषि है । इसी तथ्य को ध्यान में रखकर हमारे पूर्वजों ने कुछ इस प्रकार की कहावतें बनाई जो जल विज्ञान से गहन सम्बन्ध रखती हैं तथा इनका प्रयोग बड़ी आसानी से हमारा अनपढ़ किसान अनादि काल से करता चला आ रहा है।

जलविज्ञानीय कहावतों का वैज्ञानिक विश्लेषण,Pc-Wikipedia
आर. ओ. प्लांट पेयजल की शुद्धता का एक अति आवश्यक संयंत्र
आर ओ प्लांट का सबसे अहम हिस्सा है मेम्ब्रेन। यह मेम्ब्रेन 4 इंच के गोलाकार प्लास्टिक पाइप के अंदर लगी होती है। यह मेम्ब्रेन असल में पोलिएस्टर के धागों से बना एक रोल होता है और इन धागों के मध्य में बहुत ही महीन कपड़ा लगा होता है, जो एक प्रकार से छन्नी के तौर पर काम करता है। यह मेम्ब्रेन चार भागों में बटी होती है। मेम्ब्रेन का प्रमुख कार्य एच. पी. पंप से प्राप्त खारे पानी में मौजूद अशुद्धियों को दूर करना है एवं पीने योग्य शुद्ध जल का उत्पादन करना है। Posted on 18 Aug, 2023 05:24 PM

आर. ओ. प्लांट का शाब्दिक अर्थ है "रिवर्स ऑस्मोसिस" यह एक ऐसी आधुनिक मशीन है, जो खारे पानी में मौजूद विभिन्न प्रकार के लवण (नमक) और अन्य हानिकारक जीवाणुओं को अलग करके स्वच्छ व शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाती है। 

आर.ओ. प्लांट के भाग

आर.ओ. प्लांट विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों को जोड़कर तैयार की गई मशीन है।

आर. ओ. प्लांट  पेयजल की शुद्धता का एक अति आवश्यक संयंत्र,Pc-जल चेतना
इतिहास के पन्नों से हमारे जल-योद्धा
77 वें स्वतंत्रता दिवस पर औपनिवेशिक काल (1800-1947) की जल गाथा 

Posted on 17 Aug, 2023 02:57 PM

इतिहास के पन्नों से हमारे जल-योद्धा,PC-वरुण गोयल
वर्षा जल संग्रहण समय की आवश्यकता
भारत में पानी के प्रबंधन का अभाव है बहुत कम एजेंसियां इसके लिए काम करती हैं। यहाँ पर आबादी का घनत्व ज्यादा है, खेती के तरीके असंवेदनशील हैं और औद्योगीकरण बड़े स्तर पर हो रहा है। जल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है वर्षा का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी नालों के जरिए नदी और नदियों के जरिए समुद्र में समाहित हो जाता है Posted on 14 Aug, 2023 03:02 PM

संभावित जल समस्या

भारत में पानी की समस्या ने कई राज्यों को अपनी चपेट में ले रखा है। भूजल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है। साल दर साल गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है और देश सूखे की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है आसमान आग उगल रहा है और धरती तप रही है उमस इतनी कि सांस लेने में दिक्कत है पारा पहले के मुकाबले और अधिक बढ़ता जा रहा है और उस पर बिजली भी कम सितम नहीं ढा रही ह

वर्षा जल संग्रहण समय की आवश्यकता,Pc-Wikipedia
बोतलबंद जल : गुणवत्ता, वैशिष्ट्य एवं सुरक्षा की दृष्टि में
अपनी जल दैनिक आवश्यकता का मात्र 40 प्रतिशत भाग ही प्राप्त कर पा रहे हैं। किसी तरह खीच-तान के काम चलाना पड़ रहा है। जल उपभोग तेजी से बढ़ रहा है। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 60 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। औद्योगीकरण के कारण कहीं कहीं यह मात्रा घटकर मात्र 10 से 15 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन रह गई है। Posted on 14 Aug, 2023 02:36 PM

सम्पूर्ण जैव सृष्टि, जैव विविधता एवं अद्यतन सभ्यता के विकास के इतिहास के साथ जुड़ी है - जल की कहानी । जीवन का पर्याय बना यह शीतल, निर्मल, स्वच्छ एवं सुस्वादु जल आखिर किसे नहीं भाता और कौन नहीं अपने कंठ को तरल करता तथा पिपासा को शान्त करता । वैदिक काल में इसे "आप" की संज्ञा दी गई और इसकी व्यापकता एवं सम्मान में वैदिक साहित्य में अनेकों श्लोक एवं ऋचाएं सृजित एवं अलंकृत हुए | उदाहरणार्थ "आपे हिष्ट

बोतलबंद जल,Pc-Wikipedia
पानी के विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी पहलू
वायुमंडल का जल वाष्प और कार्बन डाइऑक्साइड एक प्रकार का तापक्रम बफर (ग्रीन हाउस प्रभाव ) पैदा करते हैं जो पृथ्वी के तापमान को सापेक्षतया स्थिर बनाने में मदद करते हैं। अगर पृथ्वी और छोटी होती तो पतले वायुमंडल के कारण भीषण परिस्थितियाँ पैदा होती तथा इससे पानी का ठहराव केवल ध्रुवीय आईस कैंपों में हो पाता पृथ्वी में परिवर्तनीय सौर विकिरण के विभिन्न स्तर पहुँचने के बावजूद इसकी सतह का तापमान भूगर्भीय समय के अनुसार स्थिर रहा है Posted on 14 Aug, 2023 02:06 PM

मानव जीवन में पानी का बहुत महत्व है तथा यह मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। चूँकि पानी प्रकृति की देन है इसलिए इसके साथ विभिन्न तकनीकी और वैज्ञानिक तथ्य जुड़े हुए हैं। इस लेख में पानी के विभिन्न तकनीकी तथ्यों का वर्णन किया गया है।

पानी के विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी पहलू,Pc-Wikipedia
जल-भूजल अनोखे गुण एवं भविष्य की चुनौतियाँ
पानी के कुछ विशेष गुण वैज्ञानिकों के सतत् प्रयासों के बाद आज भी समझ से परे हैं। उदाहरण के तौर पर पानी का घनत्व 4°C से ऊपर तथा नीचे कम होना शुरू हो जाता है तथा पानी का ठोस रूप में आयतन बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त पानी की विशिष्ट ऊष्मा समान तरह के द्रव्यों में सबसे अधिक होती है Posted on 12 Aug, 2023 02:20 PM

यह सर्वविदित और अकाट्य सत्य है कि हवा के बाद पानी ही मनुष्य की सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता है लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पानी की जानकारी मनुष्य को हवा से पहले हुई। इसका कारण यह है कि हवा तो स्वतः ही शरीर में आती जाती रहती है तथा सर्व विद्यमान है लेकिन पानी को प्राप्त करने के लिए हमें प्रयास करना पड़ता हैं लेकिन यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि सबसे पहले जानकारी में आने वाला पानी आज भी

जल-भूजल अनोखे गुण,Pc-Wikipedia
सोने से ज्यादा कीमती है पानी
भूमिगत जलस्त्रोतों में आर्सेनिक, लेड, पारा, कैडमियम और फ्लोराइड जैसे सूक्ष्म तत्वों की मात्रा बढ़ रही है, जो कि हानिकारक हो सकती है। ये तत्व जब शरीर में जमा होने लगते हैं तो तरह-तरह की बीमारियां पैदा करते हैं। आर्सेनिक के कारण कैंसर की आशंका बढ़ जाती है, खासतौर पर गुर्दे, यकृत, आंत और त्वचा कैंसर की। इसी प्रकार फ्लोराइड की अधिकता से हड्डियां कमजोर होने लगती है तथा जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। Posted on 12 Aug, 2023 01:23 PM

क्या आप जानते हैं कि पानी सोने से भी ज्यादा मूल्यवान है? सोने के बगैर तो आप ताउम्र जिंदगी काट सकते हैं लेकिन पानी के बगैर शायद एक दिन भी नहीं। जो चीज इतनी अनिवार्य और कीमती है, क्या आप उसे व्यर्थ में बहा तो नहीं रहे?

सोने से ज्यादा कीमती है पानी,Pc-Wikipedia
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