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समाचार और आलेख
बिगड़ रहा है पर्वतीय संतुलन
Posted on 30 Oct, 2023 12:02 PMवैश्विक स्तर पर पर्यावरण के दोहन से पृथ्वी पर जीव जंतुओं, वनस्पतियों; यहां तक कि मनुष्य के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लग गया है। जीवन जल, वायु, अग्नि, मिट्टी और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। केवल अग्नि को छोड़कर शेष चारों तत्व आज सीधे तौर पर मनुष्य द्वारा इतने प्रदूषित कर दिए गए हैं कि मनुष्य स्वयं अपना जीवन लील रहा है, आगे आने वाली पीढ़ियों पर अस्तित्व का भयंकर संकट मंड़रा रहा है। इन चा
![बिगड़ रहा है पर्वतीय संतुलन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/disbalance%20mountains.jpeg?itok=EUJNjTIc)
पूंजीपतियों का गंगा-विलास
Posted on 30 Oct, 2023 11:40 AMरिवर क्रूज़; यह क्रूज़ बेहद फ़ैसिनेटिंग शब्द है। ‘टाइटैनिक’ के छलावे से लेकर ‘कहो ना प्यार है’ के भुलावे तक, बचपन और तरुणाई के दो बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव इस रास्ते से गुज़रे हैं।
![गंगा डाल्फिन,Pc-सर्वोदय जगत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Dolphin.png?itok=3pi2DCw0)
अगरबत्ती उद्योग पर ग्लोबलाइजेशन की मार
Posted on 30 Oct, 2023 11:17 AMकिसी भी प्रजातांत्रिक देश की इकोनॉमी में रोजगार से बड़ी प्राथमिकता कुछ और नहीं होती। रोजगार की यह प्राथमिकता तब और प्रचंड होती है, जब आबादी स्वयं बाज़ार हो और इकोनॉमी को लाभ देने वाली आधारभूत घटक हो. दूसरी तरफ उसकी शर्त केवल इतनी भर होती है कि टेक्नोलॉजी बेपरवाह न हो और मुनाफाखोर व्यवस्था द्वारा गढ़ी गयी नीतियों के नियन्त्रण में न हो!
![अगरबत्ती उद्योग पर ग्लोबलाइजेशन की मार,Pc-सर्वोदय जगत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/mahilayein.png?itok=yE-cCCzc)
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा विस्थापन
Posted on 28 Oct, 2023 03:24 PMकुछ ही दिन हुए अतिवृष्टि से ऐसा नुकसान हुआ कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली के पीपलकोटी, अगथला, मायापुर, मेहरगांव, बौंला और दुर्गापुर आदि के 90 परिवारों को होटलों और धर्मशालाओं में शिफ्ट करने के निर्देश देने पड़े। भू-धंसाव के संकट के चलते जोशीमठ के सैकड़ों परिवारों को इसी तरह शिफ्ट करना पड़ा था। 2021 में रैणी हादसे के बाद चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी की मूर्ति तक को उनके
![जलवायु परिवर्तन से बढ़ा विस्थापन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Jalvayu%20parivartn%20.jpeg?itok=c2dhqpC5)
ग्लोबल वार्मिंग के कारण 14 से 22 मी. तक छोटा हुआ देवदार का कद
Posted on 28 Oct, 2023 03:17 PMग्लोबल वार्मिंग हिमालय पर गहरा असर डाल रही है। ताजा शोध बताता है कि मौसम ने अब धार्मिक, व्यापारिक और औषधीय रूप से महत्त्वपूर्ण देवदार के पेड़ों को दुष्प्रभावित करना शुरू कर दिया है। लगातार बदलते मौसम के कारण देवदार की लंबाई में 37 से 47% तक की कमी आई है। यह असर हिमालय के 2500 मीटर से ऊपर उगने वाले देवदारों पर देखा गया है। हालांकि निचले क्षेत्रों में अध्ययन होना अभी बाकी है। उत्तराखंड, हिमाचल प्
![ग्लोबल वार्मिंग के कारण 14 से 22 मी. तक छोटा हुआ देवदार का कद](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/devdar%20tree.jpeg?itok=dSUtow0N)
हिमालय बना आपदा का घर
Posted on 28 Oct, 2023 01:09 PMहिमालय आपदा का घर बन गया है। पहाड़ तेजी से दरक रहे हैं। हाहाकार मचा हुआ है। हिमाचल और उत्तराखंड में 24 जून से 21 अगस्त, 2023 के दौरान भारी बारिश में भूस्खलन से सैकड़ों लोग मारे गए हैं। हिमाचल में 800 से अधिक स्थानों पर सड़कें बंद रहीं, जिनमें 113 स्थान ऐसे हैं, जहां जानलेवा लैंडस्लाइड्स के कारण 330 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 38 लोग लापता हैं। उत्तराखंड में 360 से अधिक डेंजर जोन बन गए हैं,
![हिमालय बना आपदा का घर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Apdaa%20Kaghr%20himalaya%20.jpeg?itok=0prJShZt)
धरती पर पड़ने लगी है जलवायु परिवर्तन की काली छाया
Posted on 28 Oct, 2023 12:11 PMजलवायु परिवर्तन और पर्यावरण केवल विज्ञान का ही मुद्दा नहीं है, यह ग्लोबल पॉलिटिक्स का हिस्सा भी है। दुनिया भर के ग्लोबल नेता अलग-अलग तरह से जलवायु और पर्यावरण पर औद्योगिकी की भौतिकी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग बयान देते हैं, जिसके कारण यह गंभीर मुद्दा, चिंता का कारण बना हुआ है। प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन कहा करते थे कि यदि कीट-पतंगे भी केवल तीन वर्षों के लिए विलुप्त हो जाएं तो दुनिया पूरी तर
![धरती पर पड़ने लगी है जलवायु परिवर्तन की काली छाया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/The%20climate%20change%20.jpeg?itok=jcxn6hIY)
प्राकृतिक चिकित्सा : संभावना और विकल्प
Posted on 28 Oct, 2023 12:04 PMभारत में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (नेचुरोपैथी डे) 18 नवंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दवा रहित इलाज के माध्यम से लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना है। प्राकृतिक चिकित्सा दिवस भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 से आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह चौथा वर्ष है जब इसका आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्ट
![प्राकृतिक चिकित्सा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/nautropathy.jpeg?itok=vzp0Ksh8)
प्रकृति की छाती पर शहरीकरण के नाच का नतीजा
Posted on 28 Oct, 2023 11:51 AMबंगलुरु में हाल ही में हुई भीषण वर्षा के बाद हुई जल भराव की खबरों ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं। तमाम लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा और इंटरनेट पर इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े तमाम मीम्स और मज़ाक़ वायरल होते रहे। स्थिति वाकई कई मायनों में हास्यास्पद थी, मगर यह एक चिंता का भी विषय है। आखिर भारत के इस आईटी हब ने कथित तौर पर 225 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया इस बा
![प्रकृति की छाती पर शहरीकरण के नाच का नतीजा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/flood%20and%20sharikarn.jpeg?itok=HmFseMAZ)
खनन के चलते मौत के कगार पर पहुंची यमुना
Posted on 28 Oct, 2023 11:35 AMहमारे यहां सारस, लाल सुर्खाब, सफेद सुर्खाब, नीलसर, जलकाग जैसे प्रवासी पक्षी हज़ारों की संख्या में आया करते थे। महासीर जैसी दुर्लभ मछली, लालपरी, सुआ, सेवड़ा, लोंछी, किरण, गोल्डन फिश, रोहू जैसी मछलियां हजारों की संख्या में रहती थीं। हमने यहां 70-70 किलो वज़न तक के कछुए देखे हैं। जब से रेत-बजरी का खनन शुरू हुआ, नदी के भीतर से जीव-जंतु, जलीय पौधे सब घटने लगे। मशीनों के शोर ने पक्षियों को यहां से जा
![खनन के चलते मौत के कगार पर पहुंची यमुना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/yamunaa%20ganga.jpeg?itok=GqLH6_p5)