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डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों पर कसेगा शिकंजा
Posted on 28 Jul, 2013 02:41 PM गाजियाबाद। हिंडन नदी के किनारे डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों की अब खैर नहीं है। जीडीए ने इस संबंध में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्य को खुद ही गिराने के लिए जो नोटिस दिया था उसकी अंतिम तिथि मंगलवार 23 जुलाई को समाप्त हो रही है। हिंडन नदी के किनारे डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण का कार्य पिछले कई वर्षों से हो रहा है। साहिबाबाद पुलिस ने भी इस संबंध में जीडीए को कई बार रिपोर्ट भेजी, लेकिन
नहर प्रभावित किसानों द्वारा दाखिल याचिका में मध्य प्रदेश शासन को जुर्माना
Posted on 27 Jul, 2013 03:06 PM नर्मदा आंदोलन की ओर से इंदिरा सागर एवं ओंकारेश्वर नहर परियोजनाओं में पर्यावरणीय सुरक्षा, पुनर्वास एवं सर्वोच्च अदालत के फैसले के संपूर्ण अमल न होने के कारण तथा सिंचित, उपजाऊ जमीन की बर्बादी रोकने हेतु, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई कल न्या. श्री केमकर और न्या.
रोको नहीं पानी को जाने दो
Posted on 25 Jul, 2013 01:28 PM प्राचीन मनुष्य ने भी कई पीढ़ियों के अनुभव के बाद सीखा कि कहां बस्ती बसानी चाहिए और कहां नहीं। वे भी प
राष्ट्रीय मीडिया संवाद के निहितार्थ
Posted on 19 Jul, 2013 09:52 AM प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और लेखक अनुपम मिश्र ने कहा इस देश को देश का आम आदमी चला रहा है। यह सोचना गलत है
जलबोर्ड की कारस्तानी से कैसे मिले साफ पानी
Posted on 19 Jul, 2013 09:45 AM दिल्ली जल बोर्ड करता है साफ पानी की सप्लाई का दावा, लेकिन सभी ट्यूबवेलों के सैंपल भी नहीं लिए जाते

दिल्ली जल बोर्ड स्वच्छ पानी सप्लाई करने का बढ़-चढ़कर दावा करता रहा है। लेकिन उसका खुद का आंकड़ा ही उसके दावे को झुठला रहा है। जी हां, जल बोर्ड की टेक्निकल कोर कमेटी की रिपोर्ट दावे पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
बच्चों के पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकारों पर मीडिया एवं संस्थाएं बनाएं सामंजस्य
Posted on 18 Jul, 2013 10:27 AM बच्चों के पेयजल और स्वच्छता पर बैठकमध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पिछले कई सालों से कार्यरत स्वयंसेवी संस्था समर्थन ने बच्चों के पेयजल एवं स्वच्छता के अधि
भूजल के इस्तेमाल पर रोक से बढ़ेंगी मुसीबतें
Posted on 30 Jun, 2013 03:52 PM नोएडा-ग्रेटर नोएडा इलाके में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा कंस्ट्रक्शन के लिए भूजल का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी रियल एस्टेट सेक्टर पर भारी पड़ सकती है। अमित त्यागी की रिपोर्ट
प्रलय का शिलालेख
Posted on 24 Jun, 2013 09:09 PM

अबकी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भीषण तबाही हुई है। पर बादल, बारिश, बाढ़ और भूस्खलन आदि को तबाही का कारण मानना कितना सही होगा? इन इलाकों में पीछे हुई घटनाओं से क्या हम कुछ समझना चाहते हैं या नहीं। इन अप्राकृतिक घटनाओं में प्राकृतिक होने की वजहों की छानबीन की ही जानी चाहिए। उत्तराखंड में हिमालय और उसकी नदियों के तांडव का आकार-प्रकार अब धीरे-धीरे बढ़ने और दिखने लगा है। लेकिन क्या सचमुच में मौसमी बाढ़ इस इलाके में नई है? सन् 1977 में अनुपम मिश्र का लिखा एक यात्रा वृतांत।

सन् 1977 की जुलाई का तीसरा हफ्ता। उत्तरप्रदेश के चमोली जिले की बिरही घाटी में आज एक अजीब-सी खामोशी है। यों तीन दिन से लगातार पानी बरस रहा है और इस कारण अलकनंदा की सहायक नदी बिरही का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। उफनती पहाड़ी नदी की तेज आवाज पूरी घाटी में टकरा कर गूंज भी रही है। फिर भी चमोली-बदरीनाथ मोटर सड़क से बाईं तरफ लगभग 22 किलोमीटर दूर 6,500 फुट की ऊंचाई पर बनी इस घाटी के 13 गांवों के लोगों को आज सब कुछ शांत-सा लग रहा है।

आज से सिर्फ सात बरस पहले ये लोग प्रलय की गर्जना सुन चुके थे, देख चुके थे। इनके घर, खेत व ढोर उस प्रलय में बह चुके थे। उस प्रलय की तुलना में आज बिरही नदी का शोर इन्हें डरा नहीं रहा था। कोई एक मील चौड़ी और पांच मील लंबी इस घाटी में चारों तरफ बड़ी-बड़ी शिलाएं, पत्थर, रेत और मलबा भरा हुआ है, इस सब के बीच से किसी तरह रास्ता बना कर बह रही बिरही नदी सचमुच बड़ी गहरी लगती है।

Anupam Mishra
निगम विश्वा को लगा झटका
Posted on 17 Jun, 2013 03:25 PM जिला पंचायत में स्वतंत्र समिति ने आपत्तियों पर इस तरह सुनवाई की थीखण्डवा में पानी के निजीकरण संबंधी स्थानीय नागरिकों की शि
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