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पुलिस स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद को अपनी गाड़ी में बैठाकर धारी देवी मंदिर से निकली तो बांध समर्थक भी बाइक और कारों में सवार होकर पीछे हो लिए। उन्होंने लछमोली तक पुलिस वाहन का पीछा किया। रास्ते में ढामक, चमधार, श्रीनगर, कीर्तिनगर और जुयालगढ़ में पुलिस वाहन रोकने का भी प्रयास किया गया। इस दौरान उन्होंने वाहन पर पथराव कर सानंद पर स्याही डालने की कोशिश भी की। यहां पहुंचे बांध समर्थकों का अगला निशाना सानंद के मित्र डॉ. झुनझुनवाला बने। लछमोली में उनके आवास पर धावा बोलकर तोड़फोड़ की गई। बांध समर्थकों ने उनके चेहरे पर स्याही उड़ेली और उनकी पत्नी के साथ मारपीट की।
22 जून 2012 जागरण टीम, श्रीनगर / हरिद्वार। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना बंद होने की चर्चा के बीच पहली बार धारी देवी मंदिर पहुंचे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो.जीडी अग्रवाल), जल पुरुष राजेंद्र सिंह और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक को परियोजना समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सुरक्षा में उन्हें वहां से निकाला गया, लेकिन गुस्साए लोगों ने उनका 19 किलोमीटर दूर लछमोली तक पीछा किया। उग्र रूप ले चुके प्रदर्शनकारियों ने यहां भी जमकर बवाल काटा। इन लोगों ने स्वामी सानंद के मित्र वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.भरत झुनझुनवाला के घर पर जमकर तोड़फोड की। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने डॉ. झुनझुनवाला के चेहरे पर स्याही उड़ेल दी और पत्नी के साथ मारपीट की। उधर, सानंद और उनके साथियों को पुलिस ऋषिकेश होते हुए हरिद्वार ले गई। दोपहर बाद सानंद को पुलिस सुरक्षा में मुजफ्फरनगर के लिए रवाना कर दिया गया।बीते दिनों उत्तराखंड के कार्बेट क्षेत्र में तुमड़िया बांध के पास बीन गुज विचरण करते पाए गए। उत्तराखंड में पहली ब