उत्तराखंड

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उत्तराखण्ड आपदा की तीसरी बरसी पर सरकार का तोहफा
Posted on 22 Sep, 2016 04:40 PM
केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केन्द्र
नौले-धारों के हैं बहुआयामी फायदे
Posted on 19 Sep, 2016 10:13 AM


पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये नौले-धारे (वाटर-स्प्रिंग) ही पीने के पानी का बड़ा स्रोत हैं। पेयजल का मुख्य स्रोत माने जाने वाले नौले-धारों में से आधे से ज्यादा में पानी की कमी आ चुकी है। जलस्तर घटने की यही गति रही तो आने वाले 20-25 सालों में करीब शत-प्रतिशत नौले-धारे विलुप्त हो जाएँगे। कल तक जिन नौलों और धारों का शीतल जल लोगों की प्यास बुझाते थे। वे नौले-धारे किस्सा बनते जा रहे हैं, इतिहास बनते जा रहे हैं।

जलविज्ञान में नौले-धारे (वाटर-स्प्रिंग) धरती की सतह के उस स्थल को कहा जाता है जहाँ से भूजल भण्डार से पहली बार पानी का सतही बहाव होता है। नौले-धारों से तात्पर्य है एक ऐसा स्थान जहाँ किसी जलवाही चट्टान के नीचे से जलधारा सतह पर बह निकले। भूजल का प्राकृतिक सतही बहाव बिन्दु है स्प्रिंग।

घरों तक पहुँची धाराएँ
Posted on 10 Sep, 2016 12:06 PM
एक वक्त था जब बासु देवी का पूरा दिन पीने का पानी लाने में ही निकल जाता था। उसे तो याद भी नहीं है कि कितने घंटे वो पानी की जद्दोजहद में बिता देती थी। बासु देवी के लिये घरेलू जरूरतों का पानी लाना किसी संघर्ष से कम न था लेकिन उसके संघर्ष के दिन अब लद गए हैं। पानी के लिये अब बासु देवी के माथे पर शिकन नहीं दिखती। उसके घर में अब टैंक लग गया है जिसमें पानी स्टोर किया जाता है। अब वो ज्यादा वक्त अपने पोते-पोतियों के साथ बिताती हैं और घरों को साफ-सुथरा रखती हैं। कुछ वर्ष पहले तक उत्तराखण्ड के 133 गाँवों में रहने वाले कम-से-कम 50 हजार लोगों के लिये पानी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या थी।

उन्हें रोज पानी के लिये जूझना पड़ता था लेकिन अब स्थितियाँ बदल गई हैं। अब घरेलू इस्तेमाल और पीने के लिये पानी घरों में मिल रहा है। इन गाँवों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल आसानी से पा जाना किसी सपने के सच होने से कम नहीं था लेकिन कुछ संगठनों और स्थानीय लोगों के प्रयास से असम्भव को सम्भव किया गया। किया यह गया कि धारा से निकलने वाले पानी को पाइप के जरिए टैंकों तक लाया गया जहाँ से लोगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है।

उत्तराखण्ड के टिहरी जिले के चूड़ेधार की रहने वाली 50 वर्षीया बासु देवी इस व्यवस्था की लाभान्वितों में से एक हैं। वे कहती हैं, ‘यह टैंक मेरे लिये बैंक की तरह है। जिस तरह बैंक से बहुत जरूरत पड़ने पर भी नियमित मात्रा में ही रकम निकाली जाती है उसी तरह मैं भी इस टैंक से जरूरत पड़ने पर ही नियमित मात्रा में पानी निकालती हूँ।’
कूड़े का निस्तारण न होने से शहर में बीमारियों का फैलाव
Posted on 04 Sep, 2016 04:45 PM
हल्द्वानी। हल्द्वानी के तीन पानी से गौला पार को जाने वाली बाईपास रोड पर फैले कूड़े के ढेरों से फैलती बदबू ने राहगीरों का राह पर चलना दुश्वार कर दिया है। हाइवे के एक ओर कूड़े का ढेर तो दूसरी ओर स्लाटर हाउस से फैलती गंदगी ने सुनहरे मार्ग की शोभा को बदहाली में बदल डाला है। कूड़ा निस्तारण का कोई उपाय नहीं किया गया है। इस क्षेत्र में फैलती गंदगी ने पर्यावर
सिकुड़ती जलधाराओं को मिलेगा पुनर्जीवन
Posted on 30 Aug, 2016 12:40 PM
उच्चतम न्यायालय की मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में नदियों को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्ययोजना

देहरादून। मेकिंग ए डिफरेंस बाई बीइंग द डिफरेंट (मैड) ने उम्मीद जताई है कि दून की सिकुड़ती जलधाराओं को पुनर्जीवित करने के लिये शासन और प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठाए जाएंगे।
हिमालय पर छाये संकट के बादल
Posted on 29 Aug, 2016 12:06 PM
हिमालय में त्वरित प्राकृतिक आपदाएं प्रायः साथ-साथ घटती हैं, जैसे-बादल फटना, हिम एवं मलबा अवधाव तथा भू एवं हिमस्खलन। ये सभी आपदाएं मिलकर त्वरित बाढ़ का कारण बनती हैं, जो घाटियों के जन-जीवन, वन, सम्पदा आदि पर विनाशकारी प्रभाव डालती हैं।
बैलून यात्रा
Posted on 29 Aug, 2016 11:23 AM

ये लोग जानते थे कि क्लोरो-फ्लोरो कार्बन तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड वायुमण्डल में पहुँच कर ओजोन

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