उत्तराखंड

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अस्तित्व के लिये संघर्षरत जनता होगी लाभान्वित उच्च न्यायालय के फैसले से
Posted on 10 May, 2011 05:22 PM

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टिहरी जिले की घनशाली तहसील में भिलंगना नदी पर ‘स्वाति पावर इंजीनियरिंग लि.’ द्वारा बनाई जा रही जल विद्युत परियोजना की केन्द्र सरकार से पुर्नसमीक्षा कर तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मार्च 2004 में जब स्वाति पावर इंजीनियरिंग अपनी फौजफर्रा व बुल्डोजर लेकर फलिण्डा पहुँची तो तब ग्रामीणों को इस परियोजना की जानकारी मिली। इस परियोजना से फलिण्डा, सरूणा,

<strong>सुशीला भंडारी</strong>
टौंस घाटी में पर्यावरण व मानवाधिकार पर हमला
Posted on 06 May, 2011 09:14 AM

प्रस्तावित नैटवाड - मोरी जल विद्युत परियोजना (60 मेवा) 03.05.2011 की जन सुनवाई में असली मुद्दे गायब


03.05.2011 की जन सुनवाई स्थगित मानी जाये और पुनः मांगो के अनुसार हो


टौंस घाटी में प्रस्तावित 16 जल विद्युत परियोजनाओं में पहली जल विद्युत परियोजना, प्रस्तावित नैटवाड-मोरी जल विद्युत परियोजना (60 मेवा) की जनसुनवाई 3.5.2011 को हुई। यहां पर भी वही हुआ जैसा आज तक उत्तराखंड में होता आया है कि लोगों को जनसुनवाई में कोई जानकारी नहीं दी जाती है, वैसा ही हुआ।
हर्षवंती की देन हैं गोमुख में लहलहाते भोजवृक्ष के जंगल
Posted on 03 May, 2011 08:58 AM

बर्फीली हवाओं और बर्फबारी वाले यहां के बेहद प्रतिकूल वातावरण में भोजवृक्षों की नर्सरी तैयार करना और खुद को बचाए रखना एक दुष्कर और चुनौतिपूर्ण काम था।

उत्तरकाशी, 2 मई। समुद्र तल से 3792 मीटर की ऊंचाई पर बसे भोजावासा में एक बार फिर भोजवृक्ष के जंगल लहलहा रहे हैं। एक से 14 साल तक के करीब 10 भोजवृक्षों को वहां लगाया है पर्वतारोही और पर्यावरणविद् डॉक्टर हर्षवंती विष्ट ने। भोजवासा में पांच-छह दशक पहले तक भोजवृक्षों का प्राकृतिक और सघन जंगल हुआ करता था। उसका नाम भी इसी वजह से पड़ा। 1970 के दशक तक भागीरथी (गंगा) के उद्गम स्थल गंगोत्री ग्लेशियर के मुहाने ‘गोमुख’ तक या उससे आगे केवल इक्का-दुक्का लोग ही पहुंच पाते थे। लेकिन इसके बाद वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों और पर्वतारोहियों की संख्या बढ़ती चली गई।

तैरता बिजलीघर
Posted on 02 May, 2011 10:41 AM

उत्तराखंड में पानी से बिजली उत्पादन की नई तकनीक का सफल प्रयोग किया गया है, जिसमें टरबाइन नदी क

उत्तराखंड के जंगलों में लगने लगी आग
Posted on 29 Apr, 2011 11:49 AM

यहां के जंगलों का जम कर दोहन हुआ। तब यहां पहाड़ में ज्यादातर सड़कें लोगों की सहुलियत के लिए नह

wildfire
बचाइए उत्तराखंड के पर्यावरण को
Posted on 28 Apr, 2011 12:56 PM

हाल में उत्तराखंड सरकार के दो फैसलों से पर्यावरण को लेकर उसकी नीति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।पहला कई नदियों में खनन की इजाजत देना और दूसरा उत्तरकाशी से गंगोत्री के बीच पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने से इनकार करना। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ.

मनरेगा की जनसुनवाई
Posted on 14 Apr, 2011 11:49 AM

सरकार के तमाम कार्यों की तरह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (नरेगा) भी भ्रष्टाचार में लिप्त होता जा रहा है। हालांकि पिछले वर्ष एक कर्मकांड की तरह इस कार्यक्रम के नाम में महात्मा गांधी का नाम जोड़कर इसे नरेगा से मनरेगा बना दिया गया। मनरेगा हालांकि पंचायत को केन्द्र में रखकर क्रियान्वित की जाती है परन्तु योजनाओं को स्वीकृत कराने को लेकर, क्रियान्वयन व भुगतान में नौकरशाही के दखल के कारण यह योजना कम

कैसे हो नदी का बंटवारा
Posted on 01 Apr, 2011 09:27 AM

संतुलित उपयोग किया जाए, तो हर क्षेत्र में पानी की खपत कम हो सकती है और गृह युद्ध से हम बच सकते हैं…

राजनीति के चश्मे से न देखें परियोजनाओं को
Posted on 15 Mar, 2011 10:57 AM

बाँध परियोजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड में ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति चल रही है। शुरूआती दौर से स्थानीय जनता बाँधों का विरोध करती आयी है तो कम्पनियाँ धनबल और प्रशासन की मदद से अवाम के एक वर्ग को बाँधों के पक्ष में खड़ी करती रही है। ‘नदी बचाओ आन्दोलन’ की संयोजक और गांधी शान्ति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष राधा बहन भट्ट का कहना है कि ऊर्जा की जरूरत जरूर है, लेकिन सूक्ष्म परियोजनायें प्रत्येक गाँव में

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