लोकेंद्र सिंह विष्ट

लोकेंद्र सिंह विष्ट
हर्षवंती की देन हैं गोमुख में लहलहाते भोजवृक्ष के जंगल
Posted on 03 May, 2011 08:58 AM

बर्फीली हवाओं और बर्फबारी वाले यहां के बेहद प्रतिकूल वातावरण में भोजवृक्षों की नर्सरी तैयार करना और खुद को बचाए रखना एक दुष्कर और चुनौतिपूर्ण काम था।

उत्तरकाशी, 2 मई। समुद्र तल से 3792 मीटर की ऊंचाई पर बसे भोजावासा में एक बार फिर भोजवृक्ष के जंगल लहलहा रहे हैं। एक से 14 साल तक के करीब 10 भोजवृक्षों को वहां लगाया है पर्वतारोही और पर्यावरणविद् डॉक्टर हर्षवंती विष्ट ने। भोजवासा में पांच-छह दशक पहले तक भोजवृक्षों का प्राकृतिक और सघन जंगल हुआ करता था। उसका नाम भी इसी वजह से पड़ा। 1970 के दशक तक भागीरथी (गंगा) के उद्गम स्थल गंगोत्री ग्लेशियर के मुहाने ‘गोमुख’ तक या उससे आगे केवल इक्का-दुक्का लोग ही पहुंच पाते थे। लेकिन इसके बाद वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों और पर्वतारोहियों की संख्या बढ़ती चली गई।

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