उत्तर प्रदेश

Term Path Alias

/regions/uttar-pradesh-1

क्यों होता है आसमान नीला
Posted on 08 Nov, 2016 03:19 PM
प्रायः हम देखते हैं कि स्वच्छ आसमान का रंग नीला दिखाई देता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
हिन्दी में विज्ञान लेखन उद्भव एवं विकास
Posted on 07 Nov, 2016 01:12 PM

विज्ञान लेखन को सर्वकल्याणकारी और लोकनिधि बनाने के लिये लेखक का सुझाव है कि उच्चकोटि के व

रॉयल सोसाइटी : दुनिया की सबसे पुरानी विज्ञान अकादमी
Posted on 07 Nov, 2016 01:02 PM

भारत में तीन विज्ञान अकादमियों की स्थापना बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में हुई। पहली अकादमी मे

जरूरी है वर्षा के महत्त्व को समझना
Posted on 06 Nov, 2016 09:55 AM
लगभग प्रत्येक वर्ष ऐसा होता है कि वर्षाऋतु के निकट आते-आते बातें होने लगती हैं कि वर्षा किस प्रकार होगी। अधिकतर स्थिति में यही शंका जताई जाती है कि वर्षा औसत से कम होगी। कभी एल-नीनों का खतरा सामने आता है तो कभी कुछ और। अगर यह भी होता है कि वर्षा के औसत के आस-पास ही होने की संभावना जताई जाती है तो यह शंका सामने आती है कि हर जगह ठीक वर्षा होगी या कहीं कम और कहीं अधिक। देश भर में किसान वर्षा के
संरक्षण की गुहार लगाता जंगल का राजा
Posted on 06 Nov, 2016 09:30 AM

भारतीय संस्कृति में जीव-जंतुओं को सदैव सम्मान मिला है। इस देश में विभिन्न जीव-जंतुओं का स

भारतीय अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसेट
Posted on 06 Nov, 2016 09:17 AM
28 सितंबर 2015 को सुबह 10 बजे भारत का पूर्णतः खगोलिक अध्ययन के लिये समर्पित पहला उपग्रह ‘एस्ट्रोसेट’ श्री हरिकोटा प्रमोचन केंद्र से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया। इस उपग्रह के कुछ वैज्ञानिक उद्देश्य हैं, जैसे कि:
क्‍या हमारे अपने हाथ में बैक्‍टीरिया पैदा होते रहते हैं
Posted on 05 Nov, 2016 12:49 PM
सूक्ष्म बैक्टीरिया सर्वत्र विद्यमान होते हैं। हम सामान्यतः उनको देख नहीं पाते हैं। क्या हमारे हाथों में भी ये बैक्टीरिया होते हैं? क्या ये हाथों में सदैव विद्यमान रहते हैं? क्या सामान्य विधि से हम इनको देख सकते हैं? आइए घर पर ही प्रयोग कर यह सब जानने का प्रयास करते हैं।
स्वाइन फ्लू (swine flu)
Posted on 05 Nov, 2016 12:39 PM

प्रायः स्वाइन फ्लू में ‘टेमी फ्लू’ तथा ओसेल्टामिविर नामक दवाई (गोली व सिरप) चिकित्सकों द्

प्रकृति का अनुकरण कर किए गए नवाचारी आविष्कार
Posted on 04 Nov, 2016 03:49 PM

वैज्ञानिकों ने पौधों द्वारा पत्तियों में सौर-ऊर्जा को आहार के रूप में संकलित करने के प्रक

जैव विविधता के संवेदनशील क्षेत्र
Posted on 04 Nov, 2016 03:30 PM
पृथ्वी पर जितने भी महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्थान और क्षेत्र हैं, वे प्रायः खतरों में पड़े हुए हैं। इन क्षेत्रों की मूल वनस्पतियों का मात्र दस प्रतिशत अंश ही वर्तमान समय में बचा हुआ रह गया है। इन क्षेत्रों को संवेदनशील क्षेत्र यानि हॉट स्पॉट कहा जाने लगा है। इन्हें हॉट स्पॉट कहने का अभिप्राय यह है कि इनके संरक्षण के प्रति विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। ये संवेदनशील क्षेत्र जैव विविधता की द
×