त्रिशूर, त्रिस्सूर जिला

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नियंत्रित उत्पादन
Posted on 16 Dec, 2013 04:01 PM ऐसी अनेक सच्चाईयां सामने आई हैं, जो किसी सुदूर आदिवासी क्षेत्र की कहानी नहीं है। यह समृद्ध केरल के त्रिशूर जिले के कत्तीखुलम गांव की कहानी है। जहां केरल पुलिस के शर्मनाक-बर्बरतापूर्ण कार्य था। 1976 में त्रिशूर जिले के खत्तीकुडंम गांव में जापान की कंपनी के साथ जुड़ी हुई ‘नीत्ता गैलेटिन इंडिया लिमिटेड‘ कंपनी जब से चालू हुई तब से क्षेत्र का पानी, हवा, मिट्टी खराब हो रहा हैं। कैंसर से कई लोग मारे गए। सरकार की एक समिति को एनजीएल ने स्वयं बताया कि पास के कुओं का पानी पीने लायक नहीं है।5 दिसंबर को केरल उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा की एनजीएल कंपनी ‘नियंत्रित उत्पादन’ कर सकती है चूंकि अभी तक की तमाम समितियों ने कहा है कि प्रदूषण है इसलिए नेशनल एंवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी संस्थान) से जांच कराई जाए। नीरी की रिर्पोट दो महिने के आ जानी चाहिए। कंपनी के गेट के बाहर धरना जारी है। एक नंवबर से 2 सत्याग्रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 7 नवंबर को पुलिस ने स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें उठाया तो 2 अन्य लोग बैठे। 11 नवंबर को केरल के उद्योगमंत्री ने कहा हम कंपनी को इस तरह नहीं चलने देंगे। वो मशीनें बदले और प्रदूषण रोकें।
केरल की आपदा से सीखने का समय
Posted on 16 Sep, 2018 02:30 PM
केरल बाढ़ (फोटो साभार - पंजाब केसरी)केरल में आई भीषण बाढ़ से हुई तबाही और देश के कई हिस्सों में आई बाढ़ से हुई क्षति को सबने देखा। केरल में तो 350 से अधिक लोग मारे गए और लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा। कई को राहत शिविरों में ठिकाना मिला तो हजारों अब भी असहाय हालत में हैं।
केरल बाढ़
केरल की चेतावनी - सम्भावित कारण
Posted on 15 Sep, 2018 03:16 PM

इडुक्की में सूखी पेरियार नदी (फोटो साभार - फर्स्टपोस्ट)भोपाल से प्रकाशित दैनिक अखबार भास्कर (13 सितम्बर, 2018) में ‘केरल की नई मुसीबत’ के शीर्षक से खबर छपी है। इस खबर के अनुसार जहाँ बाढ़ ने तबाही मचाई थी वहाँ नदियाँ और कुएँ सूखे। अखबार आगे लिखता है कि पिछले माह की 100 साल में सबसे भीषण बाढ़ से

इडुक्की में सूखी पेरियार नदी
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