Posted on 07 Jan, 2009 09:11 AMनवभारत टाइम्स / नई दिल्ली : क्या आप सोच सकते हैं कि कोई शहर अपने नाले का पानी छोड़े और दिल्ली जैसे शहर में पीने के पानी की सप्लाई रोकनी पड़े। ताजा वाकया यह है कि पानीपत के रंगाई, चमड़ा आदि के उद्योंगो द्वारा रासायनिक प्रदूषित पानी उनके अपने नालों में भारी मात्रा जमा था, वह अचानक यमुना में छोड़ दिया गया। दिल्ली के ज्यादातर नलों में यमुना के पानी को ट्रीट करके सप्लाई किया जाता है। वजीराबाद और चंद्र
Posted on 19 Jul, 2009 09:44 AMकरोड़ों वर्षों का मिथक टूटा गया कि यमुना की धार को कोई रोक नहीं सकता। किसी भी नदी के पारिस्थतिकीय सन्तुलन को बनाये रखने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह बनाये रखने की नितान्त आवश्यकता होती है। 14 मई 1999 के एक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यमुना को पारिस्थितिक प्रवाह की जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रति सेकंड 353 cusecs का एक न्यूनतम प्रवाह नदी में होना ही चाहिए। हरियाणा, हिमाचल