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सीकर जिला
सीकर जिले में जल संरक्षण की परम्परागत एवं आधुनिक विधियों का एक विशेष अध्ययन
Posted on 11 Oct, 2023 04:55 PMप्रस्तावना
जल आपूर्ति की उपलब्धता, किसी भी क्षेत्र विशेष की प्रमुख आवश्यकताओं में एक है जिस हेतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जल संरक्षण अत्यावश्यक हो जाता है भूमिगत जल संरक्षण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जल अनेक प्रक्रियाओं द्वारा भूमि के नीचे पहुंचता है। जल निकासी व प्राकृतिक पुनर्भरण के मध्य असंतुलन की स्थिति में कृत्रिम रूप से जल का संरक्षण किया जाता है। इ
राजस्थान की नदियां
Posted on 13 Oct, 2008 10:50 AM- राहुल तनेगारिया
१) चम्बल नदी -
इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (६१६ मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से ३२५ किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग ११३ किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी