रायपुर जिला

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25 लाख बनाने थे शौचालय, बने केवल 3 लाख
Posted on 04 Sep, 2016 12:44 PM
छत्तीसगढ़ में 25 लाख पक्के शौचालयों के मुकाबले बीते डेढ़ वर्षों में 3 लाख 20 हजार शौचालयों का निर्माण हुआ है। जाहिर है कि छत्तीसगढ़ को अभी करीब 22 लाख पक्के शौचालयों की दरकार है। यहाँ 27 में तीन जिले राजनांदगाँव, धमतरी और कोरिया स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता अभियान की रैंकिंग में जगह बना सके।
ग्रामीण पत्रकारिता उद्यमिता संस्थान की अवधारणा पर चर्चा हेतु आमंत्रण
Posted on 02 Jun, 2016 04:04 PM
1 से 3 जुलाई 2016, नया रायपुर

प्रिय साथी,
.मित्र प्रदीप शर्मा बताते हैं कि ग्राम वह इकाई है जहाँ मानव श्रम और बुद्धि का व्यक्तिगत एवं सामूहिक समृद्धि के लिये प्रकृति के जल, थल और अग्नि में सफल सामूहिक नियोजन होता है। खेती में जल और थल का उपयोग होता है और कुटीर उद्योग में अग्नि का।

प्रकृति में जल, थल और अग्नि के अलावा वायु और आकाश भी समाहित है पर ग्राम के स्तर पर इनका अब तक अधिक उपयोग नहीं हुआ है। आपसी बातचीत के लिये वायु का उपयोग तो होता है पर इसे और बेहतर किया जा सकता है एक बेहतर समाज बनाने के लिये। सीजीनेट स्वर और बुल्टू रेडियो इसी दिशा के प्रयोग हैं जिससे संवाद की बेहतरी से जीवन के सभी अंगों में सुधार लाया जा सके।

संवाद के लिये प्राकृतिक माध्यम या मीडिया यानि हवा का प्रयोग मनुष्य शुरू से करता रहा है। इसमें धीरे-धीरे ढोल जैसे यंत्र जुड़े जो उसकी कार्यक्षमता को बढाने में उपयोग में लाए जाते रहे। पर ढोल का स्थान जब रेडियो के ट्रांसमीटर जैसे यंत्रों ने लिया तब उसकी मालकियत बहुत से कुछ लोगों तक सीमित हो गयी।

अकाल की दहलीज पर खड़े बैगा करने लगे पलायन
Posted on 01 Jan, 2016 09:41 AM 1. न वनोपज का मिल रहा सही दाम, न मनरेगा में काम
2. रायपुर आए बैगा जनजाति के प्रतिनिधियों ने कहा, सूखे के चलते इस साल पड़ रही दोहरी मार

परसवानी में सीमेंट फ़ैक्टरी पी गई पूरे गाँव का पानी
Posted on 31 Dec, 2015 01:38 PM बीस बरस पहले इस गाँव में सीमेंट बनाने वाली फ़ैक्टरी लगने के बाद यहाँ की चट्टानों को खोदकर ज़मीन को ऐसा बर्बाद किया कि बाँध में पानी कम पड़ गया।
इसलिये ढह गया शिवनाथ नदी पर बना एनीकट
Posted on 11 Dec, 2015 10:39 AM निर्माण कार्य में रेत और गिट्टी का उपयोग नहीं किया गया। कंक्रीट मिक
पानी ने बना दिया समय से पहले बूढ़ा
Posted on 20 Oct, 2015 04:22 PM
छत्तीसगढ़ में फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से विकलांग हो रहे लोग
fluorosis
छत्तीसगढ़ के सवा लाख स्कूली बच्चों को पानी और स्वच्छता की कमी
Posted on 30 Sep, 2015 10:43 AM

स्वच्छता दिवस, 02 अक्टूबर 2015 पर विशेष

 

तीन लाख से ज्‍यादा बेटियों के लिये नहीं है शौचालय


. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के पाँच साल बाद भी छत्तीसगढ़ के प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के करीब 1700 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी का कोई इन्तज़ाम नहीं है। इसलिये पहली से बारहवीं तक पढ़ने वाले सवा लाख बच्चे पीने के पानी के लिये तरस रहे हैं।

वहीं प्रदेश के 4 हजार 347 स्कूलों में 2 लाख 88 हजार 301 बालिकाओं के लिये अभी शौचालय नहीं बन पाया है। शौचालय के अभाव में स्कूल जाने वाली बालिकाएँ लगातार शर्मसार हो रही हैं। इनमें रायपुर के 73 स्कूल शामिल हैं। बालिकाओं की तरह ही 12 हजार 893 स्कूलों में तो बालकों के लिये भी शौचालय नहीं है।

sanitation
अपनी मौत पर रो रही है नदी
Posted on 24 Sep, 2015 01:54 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


रायपुर/खारून नदी के किनारे सात मीटर के एक टीले के प्रारम्भिक सर्वेक्षण में ही पुरातत्व शास्त्रियों को चौंकाने वाले सबूत मिले हैं।

दो हजार साल पुराने कुषाण राजाओं के तांबे से बने दो गोल सिक्के और सातवाहन राजा के शासनकाल का चौकोन सिक्का मिला है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को पहचान देने वाली इस नदी के किनारे ग्राम जमराव में दो से ढाई हजार साल पुरानी एक और बसाहट मिली है। यह गाँव पाटन तहसील में आता है।

जिस तरह के मिट्टी के बर्तन, पासे और दूसरी चीजें यहाँ मिलीं हैं, उसे देखते हुए जमराव के तरीघाट की तरह बड़ी बसाहट मिलने की उम्मीद है। नतीजों से उत्साहित राज्य पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के डायरेक्टर राकेश चतुर्वेदी अगले सीजन में यहाँ खुदाई या उत्खनन की अनुमति लेने की तैयारी में हैं।
छत्तीसगढ़ के जंगलों की खिसक रही ‘जमीन’
Posted on 20 Sep, 2015 01:37 PM बारिश के दिनों में छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने का वादा दम तोड़ रहा है। हर साल ऐसा होता है। कई सालों से ऐसा ही हो रहा है। मगर छत्तीसगढ़ की हरियाली है कि बढ़ती नहीं। वन विभाग के आसमानी दावों को मानें तो 15 सालों में 75 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं। पेड़ लगाने के नाम पर महकमे ने हर साल 150 करोड़ रुपए खर्च किये। लेकिन ये पेड़ हैं कहाँ?
छत्तीसगढ़ में धान होगा कम
Posted on 19 Sep, 2015 12:20 PM

खेत-खलिहानों में पड़ रही सूखे की स्थिति ने कृषि विभाग से संचालित सिंचाई योजनाओं की पोल खुलने लगी

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