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पुंछ ज़िला (जम्मू और कश्मीर)
कहाँ से लाऊँ दो बूँद जिन्दगी की
Posted on 08 May, 2015 03:38 PMप्रकृति ने हमें कई अनमोल तोहफों से नवाज़ा है इनमें से पानी भी एक है। कोई खाना खाए बगैर तो दो-तीन
कल्याणकारी योजनाओं से लोग पा सकते हैं रोज़गार
Posted on 09 Dec, 2014 03:59 PMइस प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों की स्थिति को जानने के लिए अंजुमन देही कलमकराने, सुरनकोट (ग्राम
जम्मू कश्मीर चुनाव और बाढ़ प्रभावित
Posted on 27 Nov, 2014 01:30 PMबांध मज़बूत होता तो कभी भी नदी का पानी शहर में प्रवेश नहीं करता औरकश्मीर का पानी
Posted on 08 Jul, 2014 03:32 PMजम्मू कश्मीर की केवल 34.7 प्रतिशत आबादी को नलों के जरिए पीने का साफ पानी उपलब्ध है, जबकि बाकी क
कृषि एवं पशुपालन में विशेष पहचान रखने वाला सरहदी गांव मंगनाड
Posted on 27 Oct, 2023 03:16 PMहर एक व्यक्ति या स्थान अपनी विशेष पहचान रखता है. चाहे वह पहचान छोटी हो या बड़ी. ऐसा कोई स्थान नहीं है जिसकी अपनी कोई न कोई विशेषता ना हो. कुछ स्थान अपनी सुंदरता के लिए विशेष पहचान रखते हैं, कुछ खानपान के लिए, वहीं कुछ अपने पहनावे के लिए जाने जाते हैं, तो कुछ कलाकृतियों के लिए. परंतु अगर हम बात करें सरहद पर बसे मंगनाड गांव की, तो यह कृषि और पशुपालन के लिए धीरे धीरे अपनी पहचान बनाता जा रहा है.
विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष: बदल रहा है पीर पंजाल में पर्यटन का दौर
Posted on 26 Sep, 2023 01:42 PMजब भी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की बात आती है तो लोगों के दिल और दिमाग में एकमात्र नाम कश्मीर की वादियों का आता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कश्मीर को कुदरत ने अपने हाथों से संवारा है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि जम्मू के पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों से लगे पीर पंजाल के खूबसूरत पहाड़ और इन पहाड़ों से गुजरने वाले ऐतिहासिक मुगल राजमार्ग भी किसी सुंदरता से कम नहीं है.
पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता
Posted on 10 Aug, 2023 10:07 AMपिछले महीने जुलाई को धरती का अब तक का सबसे गर्म महीने के रूप में रिकॉर्ड किया गया है. एक तरफ जहां भारत और चीन सहित दुनिया के कई देश भीषण बाढ़ और प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं, वहीं यूरोप के अधिकांश देश जंगलों में लगी भीषण आग से झुलस रहे हैं. दरअसल प्रकृति के इस रौद्र रूप के ज़िम्मेदार खुद इंसान है. विकास के नाम पर जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन ने धरती को खोखला कर दिया है.
हमारी लापरवाही हमें संकट में डाल देती है
Posted on 26 Jul, 2023 03:16 PMदक्षिण पश्चिमी मानसून भारत में कुल वर्षा का लगभग 86 प्रतिशत योगदान देते हैं.