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नर्मदा
बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा
Posted on 20 Jun, 2023 12:03 PMपिछले कुछ महीनों से नर्मदा को 'मातेसरी' मानने वाली, पूजने वाली, परिक्रमावासियों का स्वागत, सम्मान करने वाली, बड़वानी जैसे नर्मदा से कुल 5 किलोमीटर दूर के शहर की जनता हैरान है। कुछ दिनों से अलग-अलग समूह 'जल' के लिए तड़पते और आवाज उठाते रहे हैं। क्या जनता पिछले 37 सालों से दी जा रही नर्मदा - आंदोलनकारियों की चेतावनी समझकर अब जागृत हुई है?
माँ नर्मदा स्वच्छता शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा समिति
Posted on 20 Feb, 2023 11:32 AMऔँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिरलिंगों में से चौथे ज्योतिर्लिंग का रूप माना जाता है। तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ यह बांध और टापू के रूप में पर्यटन का मुख्य स्थान है। इसलिए यहाँ साल भर ही भीड़ रहती है और त्योहारों जैसे अमावस्या आदि पर्वों के समय यहां भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। दर्शन करने आए भक्तों की लापरवाही के कारण इस पवित्र स्थल पर प्रदूषण भी
सरकार ही प्रदूषित कर रही है नर्मदा
Posted on 28 Jul, 2010 03:24 PMधार्मिक दृष्टि से अति पवित्र और प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को 15 करोड़ रुपयों की सहायता दी है। इसके अलावा राज्य सरकार भी नर्मदा जल को प्रदूषण से बचाने के लिए कई प्रकार के खर्चीले उपाय कर रही है, लेकिन इस सबके बाद भी नर्मदा में जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। कारण, सरकार स्वयं नर्मदा को गंदा कर रही है।
सरदार सरोवर का सबक
Posted on 12 Apr, 2010 08:29 AMयह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें भी अब तक पूरी हो सकी हैं ?
सुख देने वाली नर्मदा के किनारे बसा-मंडला
Posted on 08 Mar, 2010 09:29 AMगोंडवाले के दूसरे इलाकों की तरह मंडला जिले में भी कुएँ, तालाब, बावड़ियाँ और झिरियाँ ही पानी के मुख्य स्रोत रहे हैं। स्थानों के नामों में ताल, तलाई, सागर आदि का होना वहाँ जलस्रोत होने का ही संकेत है। भौगोलिक और पैदावार के हिसाब से मंडला के आसपास तथा बम्हनी बंजर, अंजनिया और नैनपुर के बीच के त्रिकोणाकार इलाके को हवेली क्षेत्र कहा जाता है। यह मैदानी और अच्छी फसलों वाला इलाका है जहाँ ढीमर, काछी और कुर्नर्मदा
Posted on 20 Feb, 2010 05:00 PM‘नमामि देवि नर्मदे’ मेकलसुता महीयसी नर्मदा को रेवा नाम से भी जाना जाता है। नर्मदा भारतीय प्रायद्वीप की सबसे पुरानी, प्रमुख और भारत की पाँचवी बड़ी नदी है। विन्ध्य की उपत्यकाओं में बसा अमरकंटक एक वन प्रदेश है। जहाँ की जैव विविधता अत्यन्त समृद्ध है। नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। जिस मिलन बिन्दु से विन्ध्य और सतपुड़ा पर्वतमालायें प्रारम्भ होती हैं, वहीं स्थल अमरकंटक है। इसे आदिक
बूंदें, नर्मदा घाटी और विस्थापन
Posted on 14 Feb, 2010 03:00 PM
नर्मदे हर......!
मध्यप्रदेश की जीवनरेखा है नर्मदा। इसका प्रवाह यानी जीवन का प्रवाह। इसके मिजाज का बिगड़ना यानी जीवन से चैन का बिछुड़ना। नदी से समाज के सम्बन्ध केवल नहाने, सिंचाई, पानी की भरी गागर घर के चौके-चूल्हे तक लाने में ही सिमट नहीं जाते हैं। नदियों की धड़कन के साथ-साथ धड़कती है उसके आंचल में रहने वाले समाज की धड़कन। पीढ़ियां नदी के प्रवाह की साक्षी रहती हैं। और नदी भी तो बहते-बहते देखती है-........
लोक संस्कृति की जननी नर्मदा
Posted on 06 Feb, 2010 10:04 AMनर्मदा के किनारे बसे मण्डला, तेवर, भेड़ाघाट, ब्रह्माणघाट होशंगाबाद, ओंकारेश्वर, माहेश्वर, माण्डवगढ़, अक्तेश्वर जैसे नगरों में आंचलिक (लोक) संस्कृतियाँ जन्मी हैं और बघेली, गोंडी, भीली, बुन्देली, मालवी और निमाड़ी लोकभाषाएँ फूली-फली हैं। भारत में चार नदियों को चार वेदों के रूप में माना गया है। गंगा को ऋग्वेद, यमुना को यजुर्वेद, सरस्वती को अथर्ववेद और नर्मदा को सामदेव। सामदेव कलाओं का प्रतीक है। नर्मदभेड़ाघाट में नर्मदा का सौंदर्य देखने उमड़ती है भीड़
Posted on 01 Feb, 2010 08:20 AM
मध्यप्रदेश के जबलपुर से नजदीक है भेड़ाघाट। वैसे तो हम बचपन से ही यहां के बारे में पढ़ते-सुनते आ रहे हैं लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इसे देखने का संयोग हाल ही बना। यहां की मार्बल राक्स और धुआंधार दोनों ही बहुत प्रसिद्ध है।