मध्य प्रदेश

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तृतीय अंतरराष्ट्रीय नदी महोत्सव 2013
Posted on 26 Dec, 2012 11:12 AM ‘नर्मदा समग्र’ नर्मदा को सुंदर और पवित्र रखने का एक प्रयास है। पर्यावरण संतुलन के सूत्र में नदी का अपना एक महत्व है। वर्तमान दौर नदियों के लिए बहुत अच्छा नहीं प्रतीत हो रहा है। कटते जंगल, अंधाधुंध शहरी नालों का नर्मदा में गिराए जाना, नदी तटों पर कब्ज़े की होड़, सूखते चुएं आदि इन व्यवहारों से नर्मदा जैसी प्राचीन नदी भी नहीं बच पा रही है। ‘नर्मदा समग्र’ इस पुण्य सलिला के सभी आयामों पर आपसी संवाद, संयुक्त प्रयास, सबकी सहभागिता चाहता है। अंतरराष्ट्रीय नदी महोत्सव इसी क्रम में एक कड़ी है। अनिल माधव दवे इस प्रयास के सूत्रधार हैं।

स्थान : बाद्राभान, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
तारीख : 08-10 फरवरी 2013


उद्गम से संगम तक बहने वाली हर छोटी-बड़ी नदी, किसी भी एक क्षेत्र, प्रांत या देश की नहीं है, हम सबकी है। उसमें बदलाव सभी को प्रभावित करता है। इसलिए चिंता सभी को करनी होगी। इस महोत्सव में हम नदी, उसके प्रति हमारी नीतियों और नियमों पर विचार करेंगे। नेतृत्व के विभिन्न आयामों की भूमिका तलाशेंगे। अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार संकल्प लेंगे।
बाल अधिकारों की उपेक्षा
Posted on 17 Dec, 2012 11:46 AM मध्यप्रदेश में बाल अधिकारों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जा रहा है, जबकि बाल अधिकारों की उपेक्षा से पैदा होने वाली समस्याओं के कारण न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी मध्य प्रदेश की बदनामी हो रही है। मध्य प्रदेश उन राज्यों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा बच्चों के खिलाफ हिंसा होती है, सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं, सबसे ज्यादा बच्चों की मौत होती हैं। कुपोषण, डायरिया एवं पानी के कारण होने वाली बीमारिय
विस्थापन, पुनर्वास में गुम शिक्षा का अधिकार
Posted on 11 Dec, 2012 12:40 PM निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा कानून को लागू हुए लगभग दो वर्ष पूर्ण ह
याद आते हैं सतपुड़ा के जंगल और नदियां
Posted on 06 Dec, 2012 01:25 PM नदियों के लिए जंगल होना जरूरी है। जंगल और पेड़ ही पानी को थामकर रखते थे। यहां की नदियां और झरने सदाबह
dry river of satpura
जान लेते पुण्य के सिक्के
Posted on 04 Dec, 2012 11:45 AM नर्मदा में सिक्कों को लूटने-बीनने के चक्कर में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई बच्चों की मौत हो चुकी है और कई कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के शिकार हो गए हैं। होशंगाबाद इलाके में इस तरह के लालच में फंसकर दर्जनों बच्चों ने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी है। इस समस्या का जायजा ले रहे हैं प्रशांत कुमार दुबे।
नर्मदा की निराली छटा
Posted on 04 Dec, 2012 11:06 AM

शहरीकरण, औद्योगीकरण और नए पावर प्लांटों के कारण नर्मदा में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बड़े बांध बनाकर उसकी अविर

narmada mela
प्राकृतिक स्वस्थ जीवन शैली और पर्यावरण पर राष्ट्रीय संगोष्टी
Posted on 28 Nov, 2012 01:56 PM तिथि : 22, 23, 24 फरवरी 2013
स्थान : आनन्द केन्द्र, विवेकानंद नीडम, ग्वालियर (म.प्र.)


आनन्द केन्द्र, विवेकानंद नीडम, ग्वालियर के प्राकृतिक, मनोरम परिवेश में दिनांक 22, 23, 24 फरवरी 2013 को, ' प्राकृतिक स्वस्थ जीवन शैली और पर्यावरण' इस विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रकृति प्रेमी, पर्यावरण वैज्ञानिक, दक्ष चिकित्सक तथा प्रबुद्ध चिंतक, मानव और प्रकृति के मध्य सह-अस्तित्व का जो संबंध हैं, उसे जानने तथा विवेकपूर्ण तरीके से तद्नुसार जीवन शैली को विकसित करने की बात करेंगे। इस आयोजन में देश के विभिन्न अकादमिक संस्थाओं से प्रतिभागिओं के शामिल होने की संभावना है। आप से निवेदन है कि इस आयोजन में सहभागी होकर इस वैज्ञानिक उत्सव की शोभा बढ़ाये।
स्थानीय निकायों में बच्चों की भागीदारी
Posted on 27 Nov, 2012 09:29 AM मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के 15 पंचायतों में समर्थन संस्था ने वाटर एड एवं सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से बच्चों के वॉश अधिकार पर पंचायतों को संवेदनशील करने का कार्य किया है। इसमें गांव में पंचायत एवं अन्य स्थानीय संस्थाओं और समितियों के प्रतिनिधियों के सामने बच्चों के शामिल करते हुए बाल अधिकारों पर बाल संवाद आयोजित किया जाता है। इसमें बच्चे गांव, स्कूल, आंगनवाड़ी एवं घर से जुड़ी समस्याओं, खासतौर से पानी और स्वच्छता के मुद्दे पर अपनी बात रखते हैं।त्रिस्तरीय पंचायतराज लागू होने से पंचायतों में वंचित समुदाय एवं महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं थी। पर जब संवैधानिक प्रावधानों के बाद चुनाव हुए तब बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाएं पंचायतों एवं नगरीय निकायों में जनप्रतिनिधि बनकर सामने आए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं की तरह ही समाज का एक ऐसा समूह है, जिसकी आवाज को कोई महत्व नहीं दिया जाता। यह समूह है बच्चों का। शाला में शौचालय, मध्यान्ह भोजन, आंगनवाड़ी एवं शाला में पेयजल की व्यवस्था, खेल का साफ मैदान, घर में एवं गलियों में सफाई, स्वास्थ्य एवं शिक्षा आदि से जुड़ी समस्या का समाधान बच्चे अपनी प्राथमिकता के आधार पर कराना चाहते हैं, जिसे पूरा करने में पंचायतें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। बच्चों से जुड़ी समस्याओं के समाधान एवं उनकी जरूरतों के लिए बनाए जाने वाले नियमों, व्यवस्थाओं एवं कानूनों में बच्चों की सहभागिता का अधिकार दिए जाने को लेकर कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय संधियां एवं समझौते हुए हैं, पर उस पर अमल नहीं होता।
पेंच व्यपवर्तन परियोजना: मेधा पाटकर समेत 17 गिरफ्तार एवं रिहा
Posted on 10 Nov, 2012 11:16 AM

बांध का काम जबदरस्ती आगे बढ़ाने तथा किसानों से गांव खाली कराने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। एडवोकेट आराधना भार्गव को 3 नवम्बर 2012 को धारा 151 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। आंदोलन को देखते हुए पूरे छिंदवाड़ा जिले में धारा 144 लागू है। विरोध के लिए शामिल हुई मेधा पाटकर और उनके दो साथियों को छिंदवाड़ा में किसी निजी मकान में नजरबंद किया गया।

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में प्रस्तावित पेंच व्यपवर्तन परियोजना विरोध करने पहुंची नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर और 17 कार्यकर्ताओं को 4 नवम्बर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया तथा 7 नवम्बर को उनके सहित सभी कार्यकर्ताओं को एक-एक हजार के निजी मुचलके पर कोर्ट के आदेश के बाद रिहा किया गया। रिहा होने के पश्चात सुश्री पाटकर ने उनकी गिरफ्तारी को नियम के विरुद्ध बताया तथा कहा कि सरकार इस तरह से एक जायज मांग को दबाने की कोशिश कर रही है।
कुछ ऐसी तान सुनाने वाला कवि
Posted on 09 Nov, 2012 11:44 AM

साफ धुला खद्दर का कुर्ता-पाजामा पहने, सिर पर तिरछी टोपी दिए, कभी किसी समाज में पहुंच जाते तो बड़े से बड़ा आदमी छ

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