जम्मू और कश्मीर

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प्रकृति के साथ मिलकर करें विकास
Posted on 21 Sep, 2014 12:13 PM नदियों, झीलों और पहाड़ों के पेट में घुसकर जिस तरह का निर्माण किया गया; उसे सभ्य समाज द्वारा विकसित सभ्यता का नाम तो कदापि नहीं दिया जा सकता।

. विकास और विनाश दो विपरीत ध्रुवों के नाम हैं। दोनों के बीच द्वंद्व कैसे हो सकता है? पहले आए विनाश के बाद बोए रचना के बीज को तो हम विकास कह सकते हैं; लेकिन जो विकास अपने पीछे-पीछे विनाश लाए, उसे विकास नहीं कह सकते। दरअसल वह विकास होता ही नहीं। बावजूद इस बुनियादी फर्क के हमारे योजनाकार आज भी अपने विनाशकारी कृत्यों को विकास का नाम देकर अपनी पीठ ठोकते रहते हैं।

विनाशकारी कृत्यों का विरोध करने वालों को विकास विरोधी का दर्जा देकर उनकी बात अनसुनी करते हैं। सुनकर अनसुनी करने का नतीजा है पहले उत्तराखंड, हिमाचल और अब धरती के जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर में जलजला आया और हमने बेहिसाब नुकसान झेला। इन्हें राष्ट्रीय आपदा घोषित करना और हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने जन्मदिन बनाने की बजाय जम्मू-कश्मीर को मदद भेजने का आह्वान संवेदनात्मक, सराहनीय और तत्काल सहयोगी कदम हो सकता है।
Badh
हमारे ही पापों की बाढ़
Posted on 21 Sep, 2014 10:07 AM पानी के रास्तों में लगातार रुकावट और पानी की जगहों पर कब्जा ‘पानी’ को बर्दाश्त नहीं है। झीलों, तालाबों और वेटलैंड पर कब्जा करके हमने पानी की जगहों को कम किया है। परिणामतः पानी हमारी जगहों में यानी हमारे घरों में घुसने लगा है। मुंबई, लेह-लद्दाख, बाड़मेर और केदारनाथ के बाद कश्मीर में आई बाढ़ को प्राकृतिक आपदा कहकर भूलने की कोशिश कर रहे हैं। पर क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है। ये ऐसी जगहें हैं या तो प
Flood in Kashmir
बाढ़ के बाद पुंछ
Posted on 19 Sep, 2014 01:45 PM बाढ़ की वजह से मेंढर, मंडी, हवेली और सुरनकोट तहसील में स्कूल और सर
Kashmir Flood
सर्वनाश में सर्वसम्मति
Posted on 13 Sep, 2014 01:01 PM एक दिन होगी प्रलय भी
मत रहेगी झोपड़ी
मिट जाएंगे नीलम-निलय भी
...मौत रानी के यहां उस दिन बड़े दीपक जलेंगे।

भवानीप्रसाद मिश्र
Jammu Kashmir Flood
जब नदियां करने लगीं तांडव...
Posted on 09 Sep, 2014 12:58 PM कश्मीर में बाढ़ एक सामान्य मौसमी बदलाव होता है जिससे कोई असाधारण भय या आशंका पैदा नहीं होती। घाटी में बहने वाली प्रमुख नदी वितस्ता या झेलम शायद ही कभी रौद्र रूप धारण करती हो। लोग इस सरल और शांत नदी के साथ जीना सीख गए हैं, वे भी जिनके तटवर्ती घरों के आंगन में बरसात में कभी-कभी यह प्रवेश कर ही जाती है। नदी का घरों में घुसना भी इतना शांत होता है मानो जैसे आने
पानी की समस्या से दो चार सरहदी वाशिंदे
Posted on 21 Aug, 2014 10:58 AM कश्मीर में पानी का संकटउर्दू और फारसी के मशहूर शायर अमीर खुसरो ने जम्मू कश्मीर की खूबसूरती बयां करते हुए कहा था, ‘‘गर फिरदौस बर रूए ज़मी अस्त अमीं अस्तो अमीं अस्
पानी के बिना जिंदगी बनी अज़ाब
Posted on 19 Aug, 2014 08:41 AM जल प्रदूषित होने का मुख्य कारण मनुष्य द्वारा औद्योगिक कचरे को जलधार
बदहाल विरासत
Posted on 25 Jul, 2014 11:28 AM Martand Sun Templeजब से कश्मीर में दहशतगर्दी कुछ थमी है, गर्मियों में सैलानियों का जमघट रहने लगा है। कभी-कभी तो इतने लोग पहुंच जाते हैं कि होटलों में कमरे कम पड़ जाते है
कश्मीर का पानी
Posted on 08 Jul, 2014 03:32 PM

जम्मू कश्मीर की केवल 34.7 प्रतिशत आबादी को नलों के जरिए पीने का साफ पानी उपलब्ध है, जबकि बाकी क

किसानों के साथ मिट्टी के बोझ को कम करती जैविक खेती
Posted on 29 Apr, 2014 12:21 PM

एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल करीब 350 एकड़ भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। लेकिन अभी भी पंचायत

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