Posted on 06 Oct, 2013 01:47 PMडकैतों की शरणस्थली यमुना के बीहड़ में बब्बर शेर अगले कुछ महीनों में ही दहाड़ेंगे। यमुना के किनारे करीब 2912 एकड़ ज़मीन में फैला हुआ य
Posted on 07 Apr, 2013 10:10 AM उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम की इटावा शाखा द्वारा पेयजल के लिए गए नमूनों में जिस प्रकार से पेयजल के अवयवों में फ्लोराइड आयरन एवं नाइट्रेट की मात्रा बढ़ जाने से यह पानी लोगों की अपंगता का कारण बनता जा रहा है। वहीं नाइट्रेट की बढ़ी मात्रा तो बच्चों की मौत का कारण तक बन जाती है। आश्चर्यजनक यह है कि पेयजल के लिए गए नमूनों के बाद शोधकर्ताओं ने साफ किया कि पानी के अवयवों का संतुलन नहीं बनाया जा सकता है और इसका एकमात्र उपाय यही है कि पेयजल की आपूर्ति पानी की टंकी के माध्यम से की जाए। जल ही जीवन है परंतु उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के तमाम ब्लाकों का पानी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है। फ्लोराइड की अधिकता बढ़ने के कारण इटावा के कई गांव के बासिंदों में बढ़ रहा है अपंगता का खतरा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिला इटावा में दर्जनों ऐसे गांव है जहां के सरकारी हैंडपंपों के पानी में लगातार फ्लोराइड की मात्रा बढ़ती चली जा रही है नतीजतन पानी का इस्तेमाल करने वालों के सामने कई किस्म के खतरे खड़े हो रहे हैं। पानी में पनप रहे इन्हीं ख़तरों की आशंकाओं के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश सरकार की ओर स्वजलधारा योजना की शुरूआत करने की कवायद कर दी गई है लेकिन इस योजना पर भी प्रभावित लोगों की ओर से सवाल खड़े किये जा रहे हैं प्रभावित लोगों का कहना है कि राजनीति से प्रेरित होकर इस योजना को लागू कराया जा रहा है। मौसम में लगातार हो रहे असंतुलन ने भूजल को बुरी तरह प्रदूषित किया है। पीने के लिए सरकार द्वारा लगवाए गए हैंडपंपों के पानी में जिस प्रकार से रासायनिक अवयवों का संतुलन बिगड़ा है, उससे यह पानी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम की इटावा शाखा द्वारा पेयजल के लिए गए नमूनों में जिस प्रकार से पेयजल के अवयवों में फ्लोराइड आयरन एवं नाइट्रेट की मात्रा बढ़ जाने से यह पानी लोगों की अपंगता का कारण बनता जा रहा है।
Posted on 12 Oct, 2012 12:00 PMघड़ियाल पुर्नवास परियोजना के तहत गंगा,यमुना और चंबल जैसी अहम नदियों में छोड़े जाने वाले घड़ियाल अब छोटे-छोटे माइनरों में आना शुरू हो गये हैं। इटावा की भोगनीपुर माइनर में निकले एक घड़ियाल को भारी भीड़ मारने की फिराक में थी लेकिन उसे वन विभाग और पर्यावरणीय संस्था के लोगों ने सुरक्षित बचा लिया। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस घड़ियाल को पकड़ पाने में कामयाब हो सके। पकड़ा गया घड़ियाल करीब 5 फुट क
Posted on 14 Apr, 2012 01:31 PMइटावा, 12 अप्रैल। इटावा में सारस पक्षियों पर संकट मंडरा रहा है। यहां खासी संख्या में पाए जाने वाले सारस पर बिजली के तारों से खतरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगी विद्युत लाइन इनके लिए काल बन गई है। करीब तीन महीने के दौरान एक दर्जन से अधिक सारसों की मौत हो चुकी है। जिससे ग्रामीण चिंतित है। करंट लगने से दो सारस की मौत हो जाने के बाद वन विभाग ने उनका पोस्टमार्टम कराया। सारस की मौत की घटनाएं इटावा जिले