होशंगाबाद जिला

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छठा राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन
Posted on 24 Feb, 2012 11:49 AM विकास और जन सरोकार के मुद्दों पर नयी उर्जा, उत्साह और इस यात्रा को एक दिशा देने के लिए हम हर साल एक तीन दिनी सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं और इस बार सम्मेलन 23-25 मार्च 2012 को पचमढ़ी में आयोजित हो रहा है। मीडिया फार राइट्स की ओर से होने वाला यह मीडिया सम्मेलन धीरे-धीरे मीडिया के लोगों के बीच साल में एक बार मिलने का एक साझा मंच होता जा रहा है। मीडिया फार राइट्स की ओर से होने वाले मीडिया विमर्श का आय
कृषि का वैकल्पिक रास्ता
Posted on 09 Jan, 2012 02:09 PM

कुदरती खेती एक जीवन पद्धति है। इसमें मानव की भूख मिटाने के साथ समस्त जीव-जगत के पालन का विचार

organic farming
नदी सूखी तो सपने भी हो गये रेत
Posted on 18 Dec, 2011 12:11 PM

योजना-परियोजनायें बनी, तो बात बड़ी-बड़ी नदी, तालाब, झील या वर्षा व भूजल तक सीमित होकर रह गई। अ

Narmada
मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या
Posted on 26 Aug, 2011 11:46 AM

होशंगाबाद। पिछले साल बनखेड़ी तहसील के भैरोपुर गांव में रहने वाले युवा किसान मिथलेश रघुवंशी ने जब अपने खेत में ट्यूबवेल लगवाया तो उन्हें उम्मीद थी कि पानी के साथ घर में खुशहाली आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई तो 6 एकड़ के किसान मिथलेश ने हौसला रखा और अपने खेत में गेहूं कि फसल लगाई। लेकिन गेहूं की फसल ने भी दगा दे दिया। आखिरकार 22 साल के मिथलेश ने सल्फास की गोली खा कर अपनी

अमान सिंह की पत्नी और बेटे
पानी बोओ,पानी पाओ
Posted on 16 Aug, 2011 10:42 AM

होशंगाबाद जिले में पेयजल की कमी संकट के रुप में दिखाई दे रही है। इसका कारण भूमि के जल स्तर का लगातार गिरना है। गर्मी के दौर में यह समस्या विकराल रूप के सामने आ सकती है। 1 लाख 20 हजार की आबादी के क्षेत्र में मात्र 20 मकान ऐसे हैं जहां इस सिस्टम को लगाया गया है। भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक है वर्षा जल के संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) की। जल संकट से निजात पाने के लिए एक मात्र उपाय है व्यर्थ बहन

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से दूर होगी जल संकट
कुदरती खेती का एक अनूठा प्रयोग
Posted on 05 Apr, 2011 12:22 PM

पिछले दिनों मैं होशंगाबाद के राजू टाइटस फार्म गया, जहां वे पिछले 25 बरस से कुदरती खेती कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में होशंगाबाद-भोपाल रोड़ पर स्थित टाइटस फार्म की शहर से दूरी करीब 3 किलोमीटर है।

एशियन कॉलेज औफ जर्नालिज्म के छात्र-छात्राएं
नरबदा अरे माता तो लगै हो . . .
Posted on 06 Feb, 2010 09:33 AM

प्राचीनता


नर्मदाघाटी के भू स्तरों की खोजों से पता चलता है कि नर्मदाघाटी की सभ्यता सिन्धुघाटी की सभ्यता से बहुत पुरानी है। नर्मदाघाटी में प्राप्त भैंसा, घोड़े, रिनोसिरस, हिप्पोपोटेमस, हाथी और मगर की हड्डियों तथा प्रस्तर-उद्योग से पता चलता है कि यह भूभाग आदिम मानव का निवास था। इसी क्षेत्र में 1872 ई. में खोजी गयी स्फटिक चट्टान से निर्मित एक तराशी प्रस्तर कुल्हाड़ी को भारत में प्राप्त प्रागैतिहासिक चिन्हों में सबसे प्राचीन बताया गया है। और उसे पूर्व-चिलयन युग का माना गया है।
सामाजिक पहल से खुला विकास का रास्ता
Posted on 24 Jun, 2009 02:42 PM


आमतौर पर बिना बिजली, बिना डीजल ईंजन और पशुधन की ऊर्जा के बगैर खेतों की सिंचाई करना मुश्किल है लेकिन सतपुड़ा अंचल के दो गांव के लोगों ने यह मुश्किल आसान कर दिखाई है। अपनी कड़ी मेहनत, कौशल और सूझबूझ से वे पहाड़-जंगल के नदी-नालों से अपने खेतों तक पानी लाने में कामयाब हुए हैं। जंगल पर आधारित जीवन से खेती की ओर मुडे आदिवासी भरपेट भोजन करने लगे हैं।

irrigation
नर्मदा की सहायक नदियां
Posted on 18 Jan, 2009 08:20 AM

नर्मदा नदी शहडोल जिले के अमरकंटक (22.40श् उ0, 80*45श् पू0) से 1051 मीटर की ऊंचाई से निकलकर भडोच (21*43श् उ0, 72*57श् पू0) के निकट खंभात की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 1312 कि0मी0 है । यह 1077 कि0मी0 तक मध्यप्रदेश के शहडोल, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, खण्डवा तथा खरगोन जिलों से होकर बहती है । इसके बाद 74 कि0मी0 तक महाराष्ट्र को स्पर्श करती हुई बहती है, जिसमें 34 कि0मी0 तक मध्यप्

नर्मदा की सहायक नदियां
तवा परियोजना पर संकट के बादलों का आगाज
Posted on 25 Jul, 2015 12:18 PM
सन् 1997 में लगभग 142 करोड़ रुपए की लागत से पूरी हुई मध्य प्रदेश की तवा परियोजना पर सिल्ट (गाद) के संकट की खबर आई है। विदित हो, यह बाँध नर्मदा की सहायक नदी तवा पर बना है। इस बाँध को सतपुड़ा पर्वतमाला के लगभग 5982 वर्ग किलोमीटर में फैले कैचमेंट में बहने वाली 90 छोटी-बड़ी सहायक नदियों का पानी मिलता है।
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