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गंगा
सुरंग में गंगा
Posted on 30 Jan, 2009 08:16 AMइस पावन नदी को मीलों तक सुरंग में डालकर हम उसे नहर में ही तो बदल रहे हैंगंगा से उसकी गति छीन रही हैं परियोजनाएं - राजीव नयन बहुगुणा
कई बार हम दुर्घटना से पहले सबक नहीं ले पाते। उत्तरकाशी में गंगा को सुरंगों में कैद करने के विरुद्ध अनशन पर बैठे प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल का कदम भी ऐसा ही सबक है। जब हम पर्वत, सरिता, सघन वन और समुद्र जैसी अलौकिक प्राकृतिक संपदाओं को भौतिक संपत्ति के रूप में देखना और बरताव करना शुरू कर देते हैं, तो हम उनके स्वाभाविक वरदान से वंचित हो जाते हैं। हमें अपनी सभ्यता को कायम रखने और आगे बढ़ाने के लिए सचमुच विद्युत शक्ति की जरूरत है, लेकिन जिस सभ्यता की बुनियाद संस्कृति के शव पर रखी जाती है, उसका ढहना भी तय है।
नदी के अस्तित्व की चिंता जरूरी
Posted on 28 Jan, 2009 06:50 PMसुनीता नारायण
नई दिल्ली जनवरी 28, 2009 : भागीरथी बचाओ संकल्प के तत्वावधान में आज यहाँ गाँधी दर्शन के प्रांगण में एक आम सभा का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित देश के तत्कालीन रजवाडों के वंशजों ने यह प्रण किया कि वे एकजुट होकर सरकार को बाध्य करेंगे कि गंगा की अस्मिता और उसके राष्ट्रीय नदी के स्वरूप को बनाकर रखेगें।
गंगा सामान्य नहीं-होगा सर्वनाश
Posted on 27 Jan, 2009 09:45 AMडा. जी डी अग्रवाल के आमरण अनशन का 12 वां दिन
उच्चस्तरीय समिति के एक और सदस्य ने दिया इस्तिफा
कैसे मरने दें गंगा को
Posted on 25 Jan, 2009 08:50 AMजब हरिद्वार में ही गंगा जल आचमन के योग्य नहीं रहा, तो इलाहाबाद और वाराणसी का क्या कहना- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
अनेक वर्षों से मैं माघ मास की मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयाग जाता रहा हूं। कुछ वर्ष पूर्व जब मैं माघ मेले के अपने शिविर में जा रहा था, तब अनेक महात्माओं, कल्पवासियों एवं पुरी के शंकराचार्य जी आदि ने मुझे बताया कि गंगा की धारा अत्यंत क्षीण हो गई है और उसका जल लाल दिखाई दे रहा है। मुझे भी ले जाकर गंगा की वह स्थिति दिखाई गई। मैंने जब लोगों से गंगा की इस दुर्दशा का कारण जानना चाहा, तो पता चला कि गंगोत्री से नरौरा तक गंगा जी को कई स्थानों पर बांध दिया गया है, जिसके कारण हिमालय का यह पवित्र जल कई स्थानों पर ठहर कर सड़ रहा है, और जो जल दिखाई दे रहा है,
आमरण अनशन
Posted on 20 Jan, 2009 04:41 PMगुरूदास अग्रवाल का आमरण अनशन
अनशन स्थल, अखिल भारत हिन्दू महासभा भवन।
भागीरथी गंगा के गंगोत्री से उत्तरकाशी तक नैसर्गिक प्रवाह को बनाये रखने के लिये आज दिनांक 19.01.2009, डॉ0 गुरूदास अग्रवाल के आमरण अनशन का 6वां दिन है। अभी तक प्रशासन द्वारा न तो किसी भी तरह की स्वास्थ परिक्षण की व्यवस्था की गई और न ही किसी भी तरह का कोई प्रशासनिक व्यक्ति उनसे मिलने आया। पिछली बार डॉ0 अग्रवाल के अनशन के दौरान
क्या गंगा सिर्फ एक साधन
Posted on 30 Sep, 2008 05:45 PMडॉ. गिरधर माथनकर
देश के आज के परिदृश्य पर नजर दौड़ाते हैं तो यह लगता है कि समस्याओं और उनके समाधानों में मेल बहुत कम देखने को मिलता है। स्थिति यह है कि हम 3 समस्यायें सुलझाने के चक्कर में 13 नयी समस्यायें पैदा कर लेते हैं।
मुद्दा है गंगा के प्रवाह की अविरलता जरूरी है या गंगा व उसकी सहायक नदियों पर बड़े, मझोले व छोटे बांध बनाये जायें, गंगा को हिमालय में सुरंगों में से प्रवाहित किया जाये, उस पर वैराज बनाये जाये। वैसे यह मुद्दा पूर्व में भी चिंतकों ने उठाया ही है, लेकिन जून 08 में पर्यावरणविद्, आई.आई.टी. कानपुर के पूर्व प्रोफेसर डॉ. गुरूदास अग्रवाल के उत्तरकाशी में गोमुख से उत्तरकाशी तक गंगा (भागीरथी) के नैसर्गिक स्वरूप से की जा रही छेड़छाड़ के विरोध में आमरण अनशन पर बैठने से अखबारों व अन्य संचार माध्यमों में यह मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा।
जल नीति राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बननी चाहिये
Posted on 21 Sep, 2008 07:37 PMप्रोफेसर रासा सिंह रावत अजमेर के सांसद हैं। कहते हैं कि जब मैं छोटा था तो अजमेर में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनो ही ओर का मानसून आता था। लेकिन वनों के कटने और रेगिस्तान के विस्तार के कारण वनस्पति का अभाव हो गया। परिणामस्वरुप अजमेर भी मारवाड़ व मेवाड़ की तरह अकाल की चपेट में आ गया। वर्षाभाव की वजह से तालाब सूख गये। राजस्थान सरकार ने अब तय किया है कि अजमेर जिले के गाँवों को भी बीसलपुर का पानी